नई दिल्ली: मंत्री विद्युत पीयूष गोयल ने आज कहा कि देश के कई हिस्सों में गंभीर जल संकट कई ताप विद्युत संयंत्रों को उत्पादन बंद करने पर मजबूर कर दिया है। गोयल ने लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड ने सूचित किया कि इस राज्य के जिला बीड में स्थित पारुल थर्मल पावर स्टेशन (1130 मेगावाट) की सभी इकाइया जून। जुलाई 2015 से पानी की कमी के कारण काम नहीं कर रही है।
मंत्री महोदय ने कहा कि विभिन्न राज्यों के कई अन्य थर्मल पावर इकाइयों को भी पानी की अनुपलब्धता के कारण स्थायी रूप से बंद पड़ी हैं। गोयल ने कहा कि थर्मल पावर संयंत्रों में पानी की कमी को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें ड्राई ऐश हैंडलिंग प्रणाली की स्थापना, ऐश वाटर री परिसंचरण प्रणाली की स्थापना और शून्य जल निर्वहन सिस्टम की आपूर्ति भी शामिल हैं।
हालांकि मंत्री ने स्पष्ट किया कि देश में बिजली की कोई कमी नहीं और उचित बिजली उपलब्ध है। एक पक्ष सवाल गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके बाद एक अन्य पक्ष सवाल पर मंत्री विद्युत ने स्थिति की गंभीरता को कम करने की कोशिश में कहा कि जल संकट के कारण कुछ ज़यारह थर्मल पावर स्टेशनस बंद नहीं हुए हैं।