सरकार ने मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी का एफसीआरए किया रद्द, लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: राजस्थान के जोधपुर में स्थित मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के एफसीआरए को सरकार ने रद्द कर दिया गया है | 88 साल पुरानी इस सोसाइटी  का एफसीआरए रद्द कर के  सरकार ने  अपने अल्पसंख्यक विरोधी होने का एक बहुत बड़ा सुबूत दिया है |

32 एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के साथ- साथ एक यूनिवर्सिटी और कुछ वेलफ़ेयर एक्टिविटीज़ चलाने वाली इस संस्था को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इसका एफसीआरए रद्द कर कर दिया गया है | संस्था को बताया गया है कि एफसीआरए रद्द इसलिए किया गया है इसकी अवांछनीय गतिविधियों से मुस्लिम के बीच कट्टरवाद को बढ़ावा मिलेगा जिसकी वजह से देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ जाएगा |

मारवाड़ सोसायटी के महासचिव मोहम्मद अतीक़ ने एफसीआरए रद्द करने और इस तरह के गंभीर आरोप लगाये जाने पर निराशा जताते हुए कहा कि सरकार ने ये सख्त क़दम उठाने से पहले संस्था को कोई सूचना भी नहीं भेजी |
अतीक़ ने कहा कि हमारी संस्था 1929  से बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सबको समान रूप से शिक्षा प्रदान कर रही है |उन्होंने कहा कि हमारी संस्था के ख़िलाफ़ इस तरह के गंभीर आरोप लगाने से पहले सरकार को हमें  अपनी बात रखने का मौक़ा तो देना चाहिए था |

उन्होंने कहा कि ये फैसला बहुत हैरान करने वाला है क्यूंकि संस्था ने कभी भी कोई धार्मिक स्कूल. मदरसा वगैरह नहीं चलाया है | इस के अलावा इसके  सभी संस्थानों में  धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक शिक्षा (शैक्षिक / व्यावसायिक / तकनीकी) प्रदान की जाती है | इसके अलावा सभी संस्थानों 30 प्रतिशत से अधिक गैर मुस्लिम छात्रों के साथ ही टीचिंग स्टाफ और संस्थानों और संकायों के प्रमुखों के तौर पर कई गैर-मुसलमानों काम कर रहे हैं| मिसाल के तौर पर मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन की प्रिंसिपल डॉ श्वेता अरोड़ा हैं | ये कालेज  जय नारायण व्यास इंस्टीट्यूट से संबद्ध है और एनसीआरटी ने इसको मंज़ूरी दी है|

उन्होंने कहा सोसायटी अलग से कोई अपनी गतिविधियों को नहीं चला रहा है लेकिन समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों लोगों को सहारा देने के लिए सभी से सहयोग की मांग कर रहा है|  उन्होंने बताया कि संस्था ने अपने विश्वविद्यालय परिसर में मारवाड़ आदर्श मुस्लिम गौ-शाला भी बनायी है | जिसमें लगभग  170 से अधिक बेसहारा और बीमार गायों की देखभाल की जा रही है |

संस्था की उपलब्धियों पर रौशनी  डालते हुए अतीक़ ने कहा कि हम अथक पेशेवर के रूप में अच्छी तरह से औपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन माहौल बनाने के लिए सभी कोशिश कर रहे हैं |इसके लिए  पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, कक्षाओं और सम्मेलन हॉल का भी इंतेज़ाम किया जा रहा है | उन्होंने बताया कि हमारे  बेहतरीन रिकार्ड की वजह से राजस्थान सरकार ने हमें 2013 में एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अनुमति दी है |  विश्वविद्यालय के लिए 56 एकड़ ज़मीन भी दी गयी है, इसका नाम देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर पर रखा जाएगा|

अतीक़ ने मारवाड़ सोसायटी के एफसीआरए रद्द किये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हम सांप्रदायिक और कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल हैं तो क्यों राजस्थान सरकार ने हमें विश्वविद्यालय के लिए अनुमति और जमीन दी है |

इस मुद्दे पर अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री((स्वतंत्र प्रभार), मुख्तार अब्बास नकवी से जब बात की गयी तो उन्होंने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि यह एक गलती थी|  जब उनसे पूछा गया कि  इससे पहले सरकार, पूर्व सरकार द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गयी और अब मारवाड़ मुस्लिम सोसायटी का एफसीआरए रद्द किया गया है ? इस सबसे सरकार मुस्लिम समाज को क्या संदेश देना चाहती है ? नकवी ने कहा कि मारवाड़ सोसायटी शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा काम कर रही है और वह इस मामले को सरकार के सामने ले जायेंगे | इस बीच, अतीक़ ने कहा कि वह गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे अगर  सरकार अपनी गलती नहीं सुधारती है तो वह इस अन्याय को जनता के सामने लायेंगे |