मर्कज़ ने चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी के इल्ज़ाम को खारिज कर दिया है। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में मर्कज़ी हुकूमत ने कोई इश्तिहार जारी नहीं किया था।
मर्कज़ी वज़ीर-ए-इत्तेलात-ओ-नशरियात मनीष तीवारी ने कहा कि मोदी सच्चाई के बयान में भी कंजूसी कररहे हैं। अपने ट्विटर पर तिवारी ने इल्ज़ाम लगाया कि 1999 -2000 और 2001 में जबकि मर्कज़ में एन डी ए हुकूमत थी जिसने सरदार पटेल की याद में कोई इश्तिहार जारी नहीं किया। उसकी बनिसबत 2004 और 2013 में जबकि मर्कज़ में यू पी ए हुकूमत थी सरदार पटेल की याद में सिवाए 2008 के हर साल हुकूमत ने इश्तिहारात जारी किए।
एन डी ए के दौर में 1999 -2000 और 2001 में तीन साल तक कोई इश्तिहार जारी नहीं हुआ। गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर सच्चाई बयान करने में आख़िर कंजूसी क्यों कररहे हैं। तिवारी के ट्विटर पर बयान के बाद मोदी ने तबसेरा करते हुए कहा कि मर्कज़ी सरकार आज सरदार पटेल की यौम-ए-पैदाइश तक़रीब के मौक़े पर इश्तिहारात शाये करवाने पर मजबूर हो गयी क्योंकि हुकूमत गुजरात ने हिन्दुस्तान के अव्वलीन वज़ीर-ए-दाख़िला का एक अज़ीमुश्शान मुजस्समा तामीर किया था।
उन्होंने कहा कि माज़ी क़रीब में दो पार्टियों ने पूरी शिद्दत के साथ सरदार पटेल के विरसे पर अपना दावा किया है इस मसले पर दावे और जवाबी दावे का सिलसिला जारी है। कांग्रेस और मोदी और बी जे पी पर इल्ज़ाम आइद किया है कि वो सरदार पटेल की विरासत पर गै़रक़ानूनी क़ब्ज़ा करना चाहती है जबकि वो कांग्रेस के मिल्कियत है। कांग्रेस ने ये भी दावे किया कि सरदार पटेल ने कहा था कि आर ऐस एस के फ़िर्कापरस्ती के ज़हर की वजह से महात्मा गांधी का क़त्ल हुआ था।
नरेंद्र मोदी ने एक तक़रीब में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन के साथ शहनशीन में शिरकत की थी और कहा था कि अगर सरदार पटेल मुल्क के अव्वलीन वज़ीर-ए-आज़म होते तो मुल्क की क़िस्मत बदल जाती। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने अपनी तक़रीर में सरदार पटेल के विरसे पर मोदी के दावे पर एतराज़ करते हुए कहा कि आँजहानी क़ाइद सेकूलर और फ़राख़ दिल थे और मुख़्तलिफ़ नज़रियात का एहतेराम करते थे।
विज़ारत इत्तिलाआत-ओ-नशरियात ने इश्तिहारात जारी करते हुए नुमायां क़ौमी शख़्सियात की हिन्दुस्तान को दीन उजागर की है। मनीष तीवारी ने कहा कि इसी पालिसी के तहत सरदार पटेल के यौम-ए-पैदाइश पर भी 2164 अख़बारात को इश्तिहारात जारी किए गए। 2004 से 2013 के दौरान 2913 अख़बारात को इश्तिहारात दिए गए सिर्फ़ 2008 में कोई इश्तिहार जारी नहीं किया गया था जबकि एन डी ए के चार साला दौर-ए-इक्तेदार में तीन साल तक सरदार पटेल का कोई इश्तिहार जारी नहीं किया गया।