बी जे पी के वज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, पार्टी सरबराह राज नाथ सिंह और एल के अडवानी, वुज़राए आला और पार्टी के दीगर क़ाइदीन-ओ-अरकान मुल्क के मुख़्तलिफ़ शहरों में इतवार के रोज़ रन फ़ार यूनिटी (इत्तिहाद के लिए दौड़) में हिस्सा लेंगे ताकि गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मुजस्समा साज़ी के लिए अवामी मदद हासिल किया जा सके।
बी जे पी के नायब सदर मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि दो किलो मीटर की दौड़ में बी जे पी वर्कर्स मुकम्मल तौर पर हिस्सा लेंगे जोकि कम-ओ-बेश 565 मुक़ामात पर मुनज़्ज़म की जाएगी। अडवानी अहमदाबाद में होने वाली दौड़ में, मोदी वडोदरा में, राज नाथ सिंह और अरूण जेटली दिल्ली में और सुषमा स्वराज भोपाल में होने वाली दौड़ में हिस्सा लेंगे।
इस तरह इस दौड़ के ज़रिया पार्टी मुजस्समा साज़ी के लिए दरकार लोहा और मिट्टी को 2.38 लाख पंचायतों से हासिल करने की मुहिम का आग़ाज़ कररही है जिस के बारे में मोदी ने ख्याल किया है कि मुजव्वज़ा मुजस्समा दुनिया का बलंद तरीन मुजस्समा (82 मीटर्स) होगा। मुख्तार अब्बास नक़वी ने मज़ीद कहा कि दौड़ में मुतअद्दिद सक़ाफ़्ती और इलाक़ाई मजालिस भी हिस्सा लेंगी।
उन्होंने कहा कि मुजस्समा साज़ी के लिए दरकार इक़दामात की तकमील रियासती हुकूमत ने करली है। उन्होंने ये बात उस वक़्त कही जब उनसे पूछा गया कि मर्कज़ की जानिब से मुजव्वज़ा प्रोजेक्ट के लिए माहौलियाती क्लिरेंस दिया गया है या नहीं?! नक़वी ने कहा कि मुजव्वज़ा प्रोजेक्ट के ज़रिया पटेल को ऐसा ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया जा रहा है जिसके वो मुस्तहिक़ हैं क्योंकि वो मुल्क के पहले वज़ीर-ए-दाख़िला थे और 565 आज़ाद रियासतों को मुत्तहदा हिंदुस्तान में शामिल करवाया था।
कांग्रेस हुकूमतों ने तारीख़ की किताबों से वल्लभ भाई पटेल के कारनामों को हज़फ़ करने की मुम्किना कोशिश की जबकि बी जे पी उन्हें एक बार फिर मंज़रे आम पर लाना चाहती है क्योंकि सरदार पटेल को हम हक़ीक़ी तौर पर मुल्क का मुअम्मार क़रार दे सकते हैं। यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि कुछ अर्सा क़बल मोदी ने इस अफ़सोस का भी इज़हार किया था कि अगर हिंदुस्तान के वज़ीर-ए-आज़म जवाहरलाल नेहरू ना होते बल्कि पटेल होते तो आज मुल्क की सूरत-ए-हाल मुख़्तलिफ़ होती।