सरदार पटेल के सेकुलरिज्म की ज़रूरत -मोदी

चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह पर जवाबी वार करते हुए कहा कि सरदार पटेल पूरी क़ौम के हैं, किसी ख़ास पार्टी के नहीं। उन्होंने कहा कि मुल्क को पटेल के सेकुलरिज्म की ज़रूरत है, वोट बैंक सेकुलरिज्म की नहीं जिस पर बाअज़ सियासी पार्टीयां अमल कररही हैं। मोदी ने सरदार थ्रोअर डैम की एक गेट की तंसीब के मसले पर भी जिस की तंसीब में बहुत ज़्यादा ताख़ीर होचुकी है, वज़ीर-ए-आज़म पर तन्क़ीद की और इल्ज़ाम आइद किया कि मर्कज़ी हुकूमत सियासी वजूहात की बिना पर गुजरात के साथ तास्सुब बरत रही है।

वज़ीर-ए-आज़म के इस बयान पर कि कांग्रेस से पटेल के ताल्लुक़ पर उन्हें फ़ख़र है, रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए मोदी ने कहा कि राना प्रताप, छत्रपति शिवाजी जी, भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरु का इंतिहाई एहतिराम किया जाता है। क्या वो बी जे पी के अरकान थे। सिर्फ़ बी जे पी से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद ही काबिल-ए-एहतिराम नहीं हैं। मुल्क पार्टी से और मुल्क के लिए जानें क़ुर्बान करने वाले अज़ीमतर हैं।

उन्होंने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि कोई भी यहां तक कि ख़ुद वो भी इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि सरदार पटेल एक पार्टी से वाबस्ता थे लेकिन इनका मौक़िफ़ ऐसा है कि हर कोई इनका एहतिराम करता है। सरदार पटेल को किसी एक पार्टी की मिल्कियत क़रार देना उनके साथ नाइंसाफ़ी है। हमें अपना क़ौमी विरसा तक़सीम नहीं करना चाहीए। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल हक़ीक़ी सेकूलर थे।

मुल्क को उनके सेकुलरिज्म की ज़रूरत है, वोट बैंक सेकुलरिज्म की नहीं। लेकिन उनका सेकुलरिज्म सोमनाथ मंदिर की तामीर में रुकावट नहीं बना। बी जे पी क़ाइद ने इल्ज़ाम आइद किया कि वज़ीर-ए-आज़म से बार बार दरख़ास्त के बावजूद सरदार सरोवर डैम के गैटस तामीर नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि चाहे तो मर्कज़ और कांग्रेस गैटस की तंसीब अपना कारनामा क़रार दे सकती हैं लेकिन उन्हें तामीर तो करना चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने मज़ाहिब, तबक़ात, रवायात और लिसानियात की बुनियाद पर किसी किस्म का तास्सुब नहीं बरता। उन्होंने मुल्क को मुत्तहिद किया। भीम राव अंबेडकर की मिसाल देते हुए मोदी ने कहा कि दलित और पसमांदा तबक़ात उनको भगवान जैसा दर्जा देते हैं लेकिन उनकी ज़िंदगी और जद्द-ओ-जहद हर एक के लिए सरचश्मा वजदान है। उनके सेकुलरिज्म ने हर एक को मुत्तहिद किया मुंतशिर नहीं।

हमें ईसी ख़ुसूसीयत पर फ़ख़र है। चीफ़ मिनिस्टर गुजरात ने महात्मा गांधी का ज़िक्र करते हुए कहा कि गांधी जी ने अछूत पन के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद की लेकिन सियासी अछूतपन अब भी बाक़ी है, हमें इसका ख़ातमा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने गांधी जी के नाम पर महात्मा मंदिर तामीर करने का ऐलान किया था तो किसी ने ये नहीं कहा कि बी जे पी क़ाइद ऐसा कैसे करसकता है।

अब जब सरदार पटेल का तवील तरीन मुजस्समा उनकी यौम-ए-पैदाइश पर तामीर करने का मसला आता है तो इस पर एतराज़ क्यों किया जा रहा है। उन्होंने एक अरब 25 करोड़ के ख़र्च से 142 मीटर सरदार पटेल के मुजस्समा की तंसीब को दुरुस्त क़रार दिया।