नई दिल्ली, 04 मई: ( फैक्स ) शाही इमाम मस्जिद फ़तहपूरी दिल्ली मुफ्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद साहब ने कल जुमा की नमाज़ से क़ब्ल ख़िताब में मुसलमानों से रुजू अलुल्लाह पर अमल करने और शरीयत इस्लामीया के अहकाम को अपनाने की ताकीद की ।
शाही इमाम ने सरबजीत पर क़ैदीयों की तरफ़ से हमला की शदीद मुज़म्मत की और इनकी हलाकत पर शदीद ग़म का इज़हार किया नीज़ इसके विरसा -के साथ इज़हार-ए-हमदर्दी किया । आपने कहा कि इस अमल से पाकिस्तान की मुज़म्मत हुई है और क़ैदीयों की हिफ़ाज़त को यक़ीनी बनाए जाने की अशद (सख्त) ज़रूरत है ।
शाही इमाम ने म्यंमार के यंगून में बौद्व शरपसंदों के हमले में कसीर तादाद में मुसलमानों की हलाकत और उन के जान-ओ-माल की हलाकत के वाक़ियात की शदीद मुज़म्मत की और बैन-उल-अक़वामी बिरादरी बिशमोल हिंदूस्तान से अपील की कि यंगून और बर्मा के सभी इलाक़ों के मुसलमानों की हिफ़ाज़त के लिए फ़ौरी तौर पर ज़रूरी कार्रवाई की जाये और म्यंमार हुकूमत पर दबाओ डाला जाये कि वो मुसलमानों की हिफ़ाज़त को यक़ीनी बनाए और यू एन ओ के इंसानी हुक़ूक़ चार्टर पर अमल करे ।
शाही इमाम साहब ने वहां मुसलमानों की हलाकत पर शदीद अफ़सोस का इज़हार किया । शाही इमाम ने इसराईल की बढ़ती सीहोनी जारहीयत की मुज़म्मत की और यू एन ओ से पुरज़ोर मुतालिबा किया कि फ़लस्तीनी इलाक़ों पर इसराईली क़ब्ज़ा की मुहिम पर रोक लगाई जाये और फ़लस्तीनी अवाम पर हमलों को बंद कराया जाये ।
शाही इमाम ने कहा कि ख़बरों के ज़रीया ये बात सामने आई है कि इसराईल की फ़ौज और हुकूमत फ़लस्तीनी अवाम से ज़बरदस्ती कर के गाँव और आबादीयां ख़ाली करा रहे हैं ये सरासर ज़ुल्म और दहशतगर्दी है जो बंद होनी चाहीए ।