सरबजीत के बचने की उम्मीद बहुत कम‌

नई दिल्ली, 29 अप्रैल: सरबजीत सिंह का ईलाज करने वाले पाकिस्तानी डा. ने कहा कि उन की सेहत में कोई बेहतरी नहीं आई है। उन के बचने की उम्मीद नहीं हैं। सरबजीत के ग़मज़दा अरकाने ख़ानदान ने दवाख़ाने पहुंच कर उन्हें देखने की कोशिश की, लेकिन उन्हें आई सी यू में जाने नहीं दिया गया। इन अरकान ने कहा कि सरबजीत को बेहतर ईलाज के लिए हिन्दुस्तान रवाना किया जाये। पाकिस्तान में सज़ाए मौत पाने वाले सरबजीत सिंह को, जो बेहोशी की हालत में है, जेल में हमले के बाद सर पर गैहरा ज़ख़्म आया था। यहां दवाखाने में शरीक किया गया है। डा. का कहना है कि 49 साला सरबजीत के बचने की उम्मीद‌ कम हैं।

हिन्दुस्तानी हाई कमीशन के ओहदेदारों ने भी दवाख़ाने का दौरा करके सरबजीत सिंह की सेहत के बारे में जानकारी हासिल की। पाकिस्तानी हुक्काम की जानिब से इजाज़त देने से इंकार के बाद दूसरी मर्तबा हिन्दुस्तानी हाई कमीशन के ओहदेदारों को सरबजीत को देखने की इजाज़त दी गई है। पाकिस्तानी हुकूमत ने लाहौर में मौजूद हिन्दुस्तानी सिफ़ारतकारों से मुलाक़ात करने की इजाज़त दी। सरबजीत सिंह के अरकाने ख़ानदान को लाहौर में कुछ फ़ासले से एक झलक देखने का मौक़ा दिया गया।

सरबजीत सिंह पर जेल में हमला किया गया था जिस के बाद वो बेहोशी की हालत में हैं और उन्हें लाहौर के एक हॉस्पिटल में शरीक किया गया। सरकारी जिनाह हॉस्पिटल के सीनियर डा. ने पी टी आई को बताया कि सरबजीत की बहन, अहलिया और दो लड़कियों को देखने का मौक़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि सरबजीत चूँकि आई सी यू में शरीक हैं, इस लिए उन्हें क़रीब जाने की इजाज़त नहीं दी गई। सरबजीत के अरकान ख़ानदान आज दोपहर वाघा सरहद पार‌ करते हुए पाकिस्तान पहुंचे।

उन्हें पाकिस्तानी हाई कमीशन ने 15 दिन के लिए वीज़ा मंज़ूर किया है। सरबजीत की अहलिया सुखप्रीत कौर ने पाकिस्तानी हुक्काम से अपील की है कि इस के शौहर को बेहतर ईलाज के लिए हिन्दुस्तान वापिस भेज दिया जाये। ज़राए ने कहा कि सरबजीत सिंह के सर‌ में फ्रैक्चर आगया है। उन के सिर पर ईंटों से हमला किया गया था और चेहरे पर तेज़ धारी हथियार से निशाना बनाया गया था।