सरबजीत के लिए फांसी का मुतालिबा: पीटीआई

इस्लामाबाद, २२ नवंबर: (एजेंसी) क्रिकेट से सियासत में आए इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सरबजीत सिंह को फांसी देने की मांग की है। हालांकि पाकिस्तान के वज़ीर ए दाखिला रहमान मलिक ने कहा है कि हिंदुस्तान में कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान में सरबजीत के मामले में बदले की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

मुल्तान में पीटीआई के एक मुज़ाहिरे में पार्टी लीडर नईमुल्ला खान ने कहा, ‘जुडिशरी से आखिरी फैसला आने के बाद हिंदुस्तान ने एक महीना भी इंतेजार नहीं किया और हम 8 सालों से दहशतगर्दों की हीफाजत कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि दहशतगर्दों को मौत की सजा देने में सबसे बड़ी रूकावट सदर आसिफ अली जरदारी हैं।

कसाब की फांसी के बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मार्कंडेय काटजू ने पाकिस्तान के सदर और वज़ीर ए आज़म को खत लिखकर सरबजीत के लिए रहम की मांग की है।

काटजू ने खत में लिखा है, ‘भारत में कसाब की फांसी के बारे में आपने सुना होगा। मैं पूरे इज़्ज़त के साथ कहना चाहता हूं कि यह केस सरबजीत के केस से एकदम अलग है। कसाब रंगे हाथों पकड़ा गया था इसलिए उसके मुल्ज़िम होने में कोई शक नहीं था। लेकिन सरबजीत के मामले में कई शक हैं।’

49 साल के सरबजीत को सन् 1990 में पाकिस्तान के सूबे पंजाब में हु्ए बम धमाके में शामिल होने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया गया था। इस धमाके में 14 लोगों की जान गई थी। गिरफ्तारी के बाद सरबजीत को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। बाद में सरबजीत ने पाकिस्तानी सदर के पास रहम की दरखास्त दायर की।

लेकिन दरखास्त पर अब तक पाकिस्तानी सदर ने कोई फैसला नहीं लिया है।