अमृतसर। 2 मई (पी टी आई) पाकिस्तान से वापिस आने के बाद सरबजीत सिंह के ख़ानदान ने आज हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया कि इसने सज़ाए मौत याफ़ता क़ैदी पर बे रहमाना हमला और इसके ज़िंदगी-ओ-मौत की कश्मकश में मुबतला होने के बावजूद उसकी मदद के लिए बहुत कम कुछ किया है।
उन्होंने कहा कि वो दिल्ली जाऐंगे और वज़ीर-ए-आज़म के अलावा दीगर आला सतही क़ाइदीन से मुलाक़ात करेंगे। उनसे ख़ाहिश करेंगे कि सरबजीत की ज़िंदगी बचाने के लिए ज़रूरी इक़दामात किए जाएं।
उन्होंने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म के अलावा वो सोनीया गांधी, सलमान ख़ुरशीद और सुशील कुमार शिंदे से मुलाक़ात करेंगे। सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा कि उन्हें हुकूमत से मायूसी हासिल हुई है।
वज़ीर-ए-आज़म को इस्तीफा होजाना चाहीए क्योंकि वो एक हिन्दुस्तानी शहरी को वतन वापिस लाने से क़ासिर रहे।
वज़ीर-ए-आज़म मुल्क के शहरीयों के तहफ़्फ़ुज़ से क़ासिर हैं। सरबजीत की बीवी सुखप्रीत कौर और दुख़तर एन पूनम और सिवापन दीप कौर और हमशीरा दलबीर कौर लाहौर से ज़मीनी सरहद पार करके वतन वापिस हुए।
वो 15 रोज़ा वीज़ा पर इतवार के दिन पाकिस्तान पहूंचे थे। जबकि इस से दो दिन पहले लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह पर हमला किया गया था।
अरकाने ख़ानदान ने दावा किया कि सरबजीत सिंह का पाकिस्तान में मुनासिब ईलाज नहीं होरहा है। वो हुकूमत से मदद के ख़ाहां हैं। उन्होंने कहा कि अगर मलाला यूसुफ़ ज़ई का बैरून-ए-मुल्क ईलाज किया जा सकता है तो सरबजीत सिंह का क्यों नहीं।