करनाल, 13 दिसंबर: पाकिस्तान के साबिक इंसानी हुकूक व इंसानी हुकूक के कारकुन अंसार बर्नी ने कहा है कि जेल में बंद सरबजीत सिंह को अगर फांसी हुई तो वह पाकिस्तान छोड़ देंगे। सामाजी इदारा नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट (निफा) की ओर से मुनाकिद प्रोग्राम में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने बुधवार को कहा कि वह कसाब का नाम नहीं लेना चाहते थे, क्योंकि वह दहशतगर्द था और उसे सजा होनी चाहिए थी। बर्नी ने कहा कि वह इक्तेदार ( सत्ता) में आए तो वह सबकी सजा ए मौत को उम्रकैद में बदल देंगे। दूसरा वह पाकिस्तान और हिदुस्तान के बीच वीजा खत्म कर देंगे। भले ही हिंदुस्तान इसे खत्म न करे। हिंदुस्तान के लोग जब चाहें पाकिस्तान जा सकेंगे।
सरबजीत की रिहाई के मामले में बर्नी ने कहा कि रिहाई को लेकर काम तकरीबन पूरा हो चुका था, लेकिन हिंदुस्तान की ओर से थोड़ा गलत कदम उठाया गया। इससे पाकिस्तान में कुछ लोगों ने नाराजगी जताई। इस वजह से मामला लटक गया।
इंसानी हुकूक के कारकुन ने कहा कि अगर कहीं दहशतगर्दों को माफी देने से कई मुल्कों के बीच मोहब्बत का पैगाम जाता हो तो माफी देने पर ख्याल किया जाना चाहिए। लोगों में नफरत नहीं फैलाई जानी चाहिए। अंसार बर्नी ने कारगिल के हीरो कैप्टन सौरभ कालिया के बारे में कहा कि उन्हें कालिया के घर वालों से हमदर्दी है। वह उनके रिश्तेदारों से मिलना चाहते हैं।
वह शहीद हो गए हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जाने वाले चले गए, लेकिन पीछे खूनी लकीर खींची जाए तो वह अच्छा नहीं होता। नए सिरे से मोहब्बत की शुरूआत करनी होगी। इसके लिए आगे आना होगा।
इस मौके पर अंसार बर्नी के साथ मौजूद सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा कि वह दोबारा वीजा लेकर पाकिस्तान जाएंगी और वहां के वज़ीर ए आज़म , सामाजी तंज़ीमो व अदालत से उसके भाई की रिहाई के लिए मांग करेगी।