सरभजीत की ताज़ा दरख़ास्त रहम

ईस्लामाबाद। हिंदूस्तानी शहरी सरभजीत सिंह ने जिसे 1990 के पाकिस्तान में बम हमलों का मुजरिम क़रार देते हुए सज़ा ए मौत सुनाई जा चुकी है, आज पाकिस्तान के राष्ट्रपती आसिफ़ अली ज़रदारी को रहम की ताज़ा अपील पेश की।

49 साला हिंदूस्तानी इस वक्त‌ कोट लखपत जेल लाहौर में क़ैद है, और पिछ्ले 20 साल से इस की सज़ा ए मौत पर विचार होरहा है। सरभजीत की ताज़ा दरख़ास्त जिस में एक लाख हिंदूस्तानियों के दस्तख़तों पर मुश्तमिल मह्ज़र भी लगाया गया है, इस में पाकिस्तान राष्ट्रपती से अपील की गई है कि पाकिस्तान के माहिर वाइरस ख़लील चिशती की हिंदूस्तानी जेल से रिहाई पर जवाबी ख़ैरसिगाली का मुज़ाहरा करते हुए सरभजीत को माफ़ कर दिया जाए।

रोज़नामा एक्सप्रेस ट्रीबीवन की ख़बर के मुताबिक़ ख़लील चिशती को एक शख़्स के 1992 में अजमेर में क़तल का मुजरिम क़रार दिया गया था , और उन्हें अभि हिंदूस्तानी सुप्रीम कोर्ट की तरफ‌ से ज़मानत पर रहा किया गया है।