एक चैलेंज भी और ज़रूरत भी : अखिलेश यादव
महात्मा गांधी की 145 वीं यौम-ए-पैदाइश तक़रीब पर उन्हें याद करते हुए चीफ़ मिनिस्टर यूपी अखिलेश यादव ने आज कहा कि बापू के नज़रिया को इस सरमाया दाराना दौर में आगे बढ़ाना एक चैलेंज से कम नहीं।
लेकिन मुल्क के इस्तिहकाम के लिए ऐसा करना ज़रूरी भी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर तकनीकी तबदीलीयों, सरमाया दारीयत और मार्किटिंग का दौर है। इस दौर में गांधी जी के नज़रिया पर अमल करना बहुत बड़ा चैलेंज है।
वो गांधी आश्रम में एक तक़रीब से ख़िताब कररहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जिस मुहिम का आग़ाज़ किया था हम उसे आगे बढ़ाईंगे। हमें देहातों और समाज की बुनियादी सतह का जायज़ा लेना चाहिए और इस बात को यक़ीनी बनाना चाहिए कि ये बुनियाद कमज़ोर ना होने पाए।
मुल्क में जो बाहम ख़लीज पाई जाती है उस को दूर करके ही हम मुस्तहकम करसकते हैं और गांधी जी के बताए हुए रास्ते पर चल सकते हैं। अपने सियासी हरीफ़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी ताक़तें भी हैं जो अजीब-ओ-ग़रीब सवालात करती हैं हालाँकि अवाम उन को जवाब दे चुके हैं लेकिन इस के बावजूद वो बाज़ इलाक़ों में सरगर्म हैं।
चीफ़ मिनिस्टर ने ये भी कहा कि हिन्दुस्तान इंतेहाई जज़बाती जम्हूरीयत है और ये देखना ज़रूरी है कि हमारे अख़लाक़ी इक़दार
तग़य्युर पज़ीर दौर में किस तरह महफ़ूज़ रखे जा सकते हैं।