सरसब्ज़ी-ओ-शादाबी के वजूद को ख़तरा

इम्फाल 17 नवंबर (पी टी आई) मलिक के शुमाल मशरिक़ी इलाक़े अपनी सर सब्ज़ी-ओ-शादाबी के लिए मशहूर हैं लेकिन अब ये मौसमी तग़य्युर की वजह से अपना वजूद खो बैठेंगी। बशर्तॆ के उन की निगरानी के लिए इक़दामात में इज़ाफ़ा ना किया जायॆ।

आसाम के चीफ़ कनज़रवीटर (conservator )बराए जंगलात एस पी सिंह ने कहा कि कमयाब नबातात जैसे कि चगमी हॉग को अपने वजूद का ख़तरा लाहक़ हो गया है क्योंकि माहौलियात की आलूदगी उन के लिए इंतिहाई मुज़िर साबित हुई है ।

उन्हों ने कहा कि पगमी हॉग आसाम के मांस नैशनल पार्क में पाए जाते हैं लेकिन अगर मौसमी तग़य्युर पर क़ाबू नहीं पाया गया तो सिर्फ शुमाल मशरिक़ी इलाक़ा ही नहीं बल्कि बरतरफ़ सरसब्ज़-ओ-शादाबी अन्क़ा होजाएगी।