जर्मन चांसलर एंजिला मीरकल ने कहा है कि वो इस हफ़्ते होने वाली समिट में पूरी कोशिश करेंगी कि तारकीने वतन की आमद के सिलसिले को रोकने के लिए यूरोपीय यूनीयन और तुर्की के माबैन मुआहिदे पर तवज्जा दी जाए ना कि सरहदों की बंदिश पर।
जर्मन चांसलर मीरकल ने कहा है कि वो इसी हफ़्ते जुमेरात और जुमे को होने वाले सरब्राही इजलास में यूरोपीय यूनीयन के तुर्की के साथ तय पाने वाले मुआहिदे को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगी क्योंकि सरहदें बंद करने का मुतबादिल रास्ता यूरोपीय बलॉक के लिए मन्फ़ी साबित हो सकता है।उन्होंने इसराईली वज़ीरे आज़म बेंजमिन नेतन्याहू के हमराह दारुल हुकूमत बर्लिन में एक प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए ये बात कही।
चांसलर मीरकल ने कहा कि रवां हफ़्ते होने वाली समिट मुहाजिरीन की यूरोपीय ममालिक की तक़सीम के बारे में नहीं बल्कि इस बारे में होगी कि आया यूरोपीय यूनीयन और अंकरा के माबैन तय पाने वाला मुआहिदा गै़र क़ानूनी हिज्रत की वजूहात से निमनटे में कारामद साबित होगा या बलॉक इस मंसूबे को तर्क कर के यूनान की मक़दूनिया और बुलग़ारिया से मिलने वाली सरहद बंद करने के बारे में ग़ौर करे।
मीरकल ने अलबत्ता ख़बरदार किया है कि ऐसा कोई इक़दाम यूनान, यूरोपीय यूनीयन और शीनगन ज़ोन के लिए नुक़्सानदेह साबित हो सकता है।