मुंबई: फ़िल्मी अदाकार सलमान ख़ान को साल 2002 के टक्कर मार कर भागने के केस में शक का फ़ायदा देते हुए बंबई हाइकोर्ट ने ये तास्सुर पेश किया कि इस्तिग़ासा का केस कमज़ोर था और ट्रायल कोर्ट की जानिब से गवाहों और सबूतों की क़बूलीयत मुनासिब नहीं थी। हाइकोर्ट के वेबसाइट पर कल शब पेश करदा ( अपलोड ) 350 सफ़हात पर मुश्तमिल फ़ैसले में जस्टिस ए आर जोशी ने कहा कि अदालत की नज़र में ट्रायल कोर्ट की जानिब से जिस तरह सबूतों को तस्लीम किया गया है वो क़ानूनी तौर पर मुनासिब नहीं था।
वाज़िह रहे कि हाईकोर्ट ने हिट ऐंड रन केस का फ़ैसला 10दिसम्बर को सुनाया था और फ़िल्मी अदाकार इस वक़्त मौजूद थे जब फ़ैसला के इक़तिबासात पढ़ कर सुनाए गए जिसमें फ़िल्मी अदाकार को मंसूबा इल्ज़ामात से बाइज़्ज़त बरी कर दिया गया था। वाज़िह रहे कि हाइकोर्ट के फ़ैसला पर भी अंगुश्तनुमाई की जा रही है और ये सवाल उठाया जा रहा था कि सलमान ख़ान की कार से जिस शख़्स की मौत हुई है इसका ज़िम्मेदार कौन है? क्योंकि अदालत में फ़िल्मी अदाकार को बेक़सूर क़रार दिया गया।