सलमान ख़ुरशीद के मुतनाज़ा रिमार्कस पर कांग्रेस को पशेमानी

वज़ीर-ए-क़ानून सलमान ख़ुरशीद के मुतनाज़ा रिमार्कस पर कांग्रेस ने आज कहा कि पार्टी हमेशा इस बात की ख़ाहां है कि इस के क़ाइदीन अवामी ज़िंदगी और क़ानून के उसूलों के मुताबिक़ ही इज़हार-ए-ख़्याल करें । अक़ल्लीयतों को ज़ेली कोटा के मसला पर इलेक्शन कमीशन की सरज़निश से मुताल्लिक़ सलमान ख़ुरशीद ने कल कहा था कि अगर मुझे फांसी भी दी जाय तो मैं मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करके रहूँगा ।

ए आई सी सी जनरल सेक्रेटरी और मीडीया डिपार्टमेंट के चेयरमैन जनार्धन द्विवेदी ने कहा कि इलेक्शन कमीशन एक दस्तूरी इदारा है कांग्रेस हमेशा यही चाहती है कि तमाम कांग्रेस क़ाइदीन को अवामी ज़िंदगी और क़ानून के उसूल पर अमल करते हुए ब्यान दें । इस तनाज़ा पर कांग्रेस पार्टी का ये पहला सरकारी रद्द-ए-अमल है ।

द्विवेदी का ये जवाब इस सवाल का रद्द-ए-अमल था कि सलमान ख़ुरशीद ने गुज़श्ता रोज़ फर्रुखाबाद में ब्यान दे कर तनाज़ा पैदा किया था । इस ब्यान का इलेक्शन कमीशन ने नोट लिया है और सदर जमहूरीया प्रतिभा पाटिल को मकतूब लिखा गया है । मकतूब में सदर जमहूरीया से फ़ौरी और फ़ैसलाकुन मुदाख़िलत करने की इस्तिदा की गई है । इलेक्शन कमीशन की शिकायत पर फ़ौरी हरकत में आते हुए सदर जमहूरीया पाटल ने कल रात में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दफ़्तर को मुनासिब कार्रवाई की हिदायत दी है ।

लोक सभा में अपोज़ीशन लीडर सुषमा स्वराज ने सलमान ख़ुरशीद को वज़ीर-ए-क़ानून की हैसियत से बरतरफ़ कर देने का मुतालिबा किया है । क्यों कि वो दस्तूर के मुग़ाइर काम कर रहे हैं । उन्हों ने ट्वीटर पर लिखा है कि हम सदर जमहूरीया से दरख़ास्त करते हैं कि वो अपने इख़्तयारात बरुए कार लाते हुए सलमान ख़ुरशीद को मर्कज़ी काबीना के एक वज़ीर की हैसियत से बरतरफ़ कर दें ।

सलमान ख़ुरशीद की मुदाफ़त करते हुए कांग्रेस लीडर द्विग विजय सिंह ने कहा कि हर सयासी पार्टी को इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान अपने प्रोग्राम के बारे में इज़हार-ए-ख़्याल का हक़ है । सयासी क़ाइदीन के ख़िलाफ़ इस तरह के इल्ज़ामात आइद करना मुनासिब नहीं है । उन्हों ने कहा कि शदीद दुख के साथ में इलेक्शन कमीशन से ये पूछना चाहूंगा कि आया सयासी पार्टीयों को अपने एजंडा के बारे में बात करने की इजाज़त नहीं होगी तो ऐसी सूरत में पार्टी के मंशूर को भी रोक देना चाहिये ।

बी जे पी तर्जुमान रवी शंकर ने एहसास ज़ाहिरी किया कि ग़ैर ज़रूरी दस्तूरी बोहरान में सूरत-ए-हाल पैदा की गई है । क्योंकि सयासी सवाल इंतेख़ाबात से मुताल्लिक़ नहीं है बल्कि इलेक्शन कमीशन जैसे दस्तूरी इदारों के एतबार और वक़ार का सवाल है । जिस को एक ख़ुसूसी मौक़िफ़ हासिल है । वज़ीर-ए-आज़म को इस मुतनाज़ा ब्यान पर कम अज़ कम कार्रवाई करनी चाहिये ।

बी जे पी लीडर मुख्तार अब्बास नक़वी ने भी कहा कि अगर हुकूमत सलमान ख़ुरशीद को बरतरफ़ नहीं करती हो तो ऐसी सूरत में समझा जाएगा कि ये ब्यान इजतिमाई तौर पर कांग्रेस का ब्यान है । इसी दौरान सलमान ख़ुरशीद ने अक़ल्लीयतों को ज़ेली कोटा देने पर अपने रिमार्कस के ताल्लुक़ से उठने वाले तूफ़ान पर लब कुशाई से गुरेज़ किया और कहा कि मैं किसी से इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा ।

क्या मैं आप को भी इनकार कर दूँ । मुझे जो कहना था कि वो कह दिया है । कांग्रेस के रियास्ती लीडर आबिद हुसैन ने ज़ोर दे कर कहा कि ये मुआमला दो दस्तूरी अठारीटीज़ के दरमयान का है इस पर कोई बातचीत नहीं हो सकती ।