सलाखों के पीछे गुजरी रामपाल की पहली रात

हिसार के सिविल लाइंस थाने में रामपाल की पहली रात गुजरी है | जुमेरात के रोज़ हरियाणा पुलिस ने रामपाल को बगावत और पुलिस पर हमला करने के केस में हिसार की जिला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया|

रामपाल के नौ साथियों को भी तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है| बीमारी के नाम पर हिसार के सतलोक आश्रम में रह रहे रामपाल को कोर्ट ने आठ दिनों के लिए जेल भेज दिया है| कोर्ट में पेशी से पहले हुए मेडिकल से साफ हो गया था रामपाल पूरी तरह सेहतमंद है|

रामपाल को 2006 में हुए कत्ल के मामले में जेल भेजा गया है और 28 नवंबर को रामपाल को पेश किया जाएगा| हालांकि रामपाल के वकील ने कोर्ट में कहा है कि लोगों ने उन्हें आश्रम में बंधक बनाकर रखा था इसलिए वो कोर्ट नहीं आ पाए|

राम पाल से जब सहाफियों ने पूछा था कि क्या उसने लोगों को बंधक बनाकर रखा, और उनके पीछे उनके पीछे छुपा रहा तो रामपाल का कहना था कि मैंने किसी को बंधक नहीं बनाया, वो अपने आप बन रहे थे|

सच और झूठ का तानाबाना बहुत लंबा है| रामपाल के आश्रम से पेट्रोल बम से लेकर गुलेल-कंचे तक मिले रामपाल सलाखों के पीछे तो जा चुका है लेकिन रामपाल की बनाई लंका अभी तक मौजूद है|

पुलिस अब रामपाल के राज़ निकालने में जुटी है लेकिन सवाल ये है कि रामपाल को बड़ा बनाने वाले कौन थे| किसकी शह पर रामपाल ने कोर्ट और पुलिस से लोहा लेने की ठानी थी, अब उन चेहरों को बेनकाब करना जरूरी है|