सलामती काउंसिल‌ को शफ़्फ़ाफ़ और काबुल‍-ए‍-एतेबार बनाने के लिए इस्लाहात की ज़रूरत

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती काउंसिल‌ में जल्द अज़ जल्द इस्लाहात की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए हिन्दुस्तान ने आज कहा कि फैसला साज़ी के अमल में ज़्यादा से ज़्यादा रुकन ममालिक की शमूलियत से इस इदारे को मज़ीद शफ़्फ़ाफ़ , क़ाबिल‍-ए‍-एतेबार और ज़िम्मेदार बनाया जा सकता है।

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में हिन्दुस्तान के मुस्तक़िल नुमाइंदा अशोक मुख‌र्जी ने कल सलामती काउंसिल‌ में कहा कि फैसला साज़ी के अमल में रुकन ममालिक की काबुल लिहाज़ तादाद की शमूलियत से सलामती काउंसिल को मज़ीद शफ़्फ़ाफ़ियत और उसको काबुल‍-ए‍-एतेबार और मूसिर नुमाइंदा इदारा बनाने और इस ख़ुसूस में इक़्दामात केलिए 2005 चोटी इजलास के फैसले के मुताबिक़ सलामती काउंसल को जल्द अज़ जल्द इस्लाहात से मरबोतकरें।

मुख़‌र्जी ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जनरल असेम्बली के इजलास में सिक्योरिटी काउंसल की सालाना रिपोर्ट पर अपना बयान देते हुए ये निशानदेही की कि काउंसल के अरकान को महसला इख़्तियारात की वजह से वो जनरल असेम्बली के रुकन ममालिक को जवाब देने से मुस्तसना हैं।

उन्होंने कहा कि काउंसिल की क़रारदाद में ये इत्तेफ़ाक़ किया गया है कि रुकन ममालिक की शमूलियत होनी चाहिए जोकि बराए नाम है । अगरचे कि वेब्साइट पर काउंसिल इजलासों के नताइज और इक़दामात की तफ़सीलात तक रसाई हासिल है लेकिन सलामती काउंसिल के फैसलों के तरिक़ेकार और हस्सासीत और अमलावरी पर मज़ीद इत्तेलाआत फ़राहम करने की ज़रूरत है।

फ़िलहाल जनरल असेम्बली से तसादुमों के ताल्लुक़ से पुरअमन मुआहिदों की हिमायत सिक्योरिटी काउंसिल करती है लेकिन सलामती काउंसिल की नमाइदगी में 15 तक इज़ाफ़ा किया जाना चाहिए जिस के तरिक़ेकार और शफ़्फ़ाफ़ियत और रुकनीय‌त साज़ी पर इस्लाहात पर मुसलसल कोशिश की जाये ताकि बीना लाक़वामी बोहरानों से मूसिर अंदाज़ में निमटा जा सके।

ख़ानाजंगी से मुतास्सिरा ममालिक में अमन फ़ौज की रवानगी पर हिन्दुस्तानी नुमाइंदा ने कहा कि इस तरह की कार राइयों पर इख़तियार हासिल करने से क़ब्ल तआवुन करने-ओ-अले ममालिक से मुशावरत करनी चाहिए क्योंकि दरमियां में ही फैसलों की तब्दीली रुकन ममालिक केलिए तशवीश का बाइस होती है।

उन्होंने गोलान की पहाड़ियों और माली की मिसाल पेश करते हुए कहा कि अमन फ़ौज के ख़िलाफ़ अस्करीयत पसंदों को उकसाने वालों पर जुर्माना आइद किया जाये। उन्होंने बताया कि दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ जवाबी कार्यवाईयों पर गौरव ख़ौस केलिए जनरल असेम्बली का वक़फे वक़फे से इजलास तलब किया जाये।