वज़ीर-ए-ख़ारजा बर्तानिया विलियम हेग ने आज इआदा किया कि बर्तानिया अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल में हिंदूस्तान और जापान के लिए मुस्तक़िल नशिस्तों की परज़ोर हिमायत करेगा। उन्होंने कहा कि सलामती कौंसल को तौसीअ दी जानी चाहीए। सिंगापुर में स्ट्रेटेजिक स्टीडीज़ फ़लरटन लेक़्चर बराए इंटरनैशनल इंस्टीटियूट से ख़िताब करते हुए विलियम हेग ने जो उस वक़्त एशीया के दौरा पर हैं, कहा कि बैन-उल-अक़वामी तंज़ीमों में वुसअत देने के लिए बर्तानिया तब्दीली की मुहिम चला रहा है और कई एशियाई ममालिक के मुआमलों को क़दर की निगाह से देखता है।
अक़्वाम ए मुत्तहिदा में हम जापान और हिंदूस्तान को मुस्तक़िल नशिस्तें फ़राहम करने के बिशमोल सलामती कौंसल में तौसीअ की वकालत कर रहे हैं। उभरती हुई ताक़तों के साथ ख़ारिजी पालिसी पर हम ने क़रीबी नज़र रखी है। इन की तक़रीर की नक़ल को यहां दफ़्तार-ए-ख़ारजा ने जारी किया है। उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान कई अहम ममालिक में से एक मुल्क है, जिस पर तवज्जा दी जा रही है और बर्तानिया के सिफ़ारती नेटवर्क को वुसअत दी जा रही है।
हेग ने कहा कि 2015 तक इस मुल्क में 30 ज़ाइद सिफ़ारती अमला के अरकान मुतय्यन होंगे। इसका मक़सद हिंदूस्तान के साथ बाहमी तिजारत को आइन्दा 5 साल के दौरान दो गुना करना है। इनमें हिंदूस्तान के साथ हमारे तारीख़ी ताल्लुक़ात को वुसअत देना, सेहत और दीगर शोबों में बाहमी इक़्दामात करना शामिल हैं।
हिंदूस्तान में कई मौक़े पाए जाते हैं। इंटरनैशनल सीक्योरीटी के शोबा में ज़िम्मादाराना इक़्दामात के ज़रीया तिजारत और सरमाया कारी में इज़ाफ़ा से बाहमी फ़वाइद हासिल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बर्तानिया इस साल सिंगापुर के साथ आज़ाद तिजारती मुआहिदा को पूरा करने का मुतमन्नी है। इसके इलावा हिंदूस्तान के साथ यादगार मुआहिदा भी करना चाहता है।