नरेल (बंगला देश ) 4 मार्च ( पी टी आई ) सदर जमहूरीया हिंद प्रणब मुखर्जी का ससुराल उन के गर्मजोश इस्तिक़बाल का मुंतज़िर हैं जबकि वो कल पहली बार बंगला देश के भद्र बैला देहात का दौरा करेंगे जो दरयाए चित्रा के किनारे वाक़्य है और जिसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी नज़मों में अमर कर दिया है ।
पूरा देहात तहवार का मंज़र पेश कररहा है । उसी वक़्त से यहां जशन का माहौल है जबकि प्रणब मुखर्जी और उनकी शरीक-ए-हयात शोरा के देहात का दौरा करने की ख़बर आई है । प्रणब मुखर्जी की अहलिया इसी देहात में पैदा हुई थीं और अपने बचपन के चंद साल यहीं गुज़ारे थे यहां पर इन का आबाई मकान है जहां प्रणब मुकर्जी के ससुराली रिश्तेदार कल सुबह उन के मुंतज़िर रहेंगे ।
प्रणब मुखर्जी के ससुराली रिश्तेदारों का मकान ज़िला नरेल के इंतिज़ामीया की जानिब से हिंदूस्तान के अव्वलीन शहरी और ख़ातून अव्वल के दौरे से क़बल सजाया जा रहा है । उसकी तामीर-ओ-मुरम्मत होचुकी है ता कि सदर जमहूरीया हिंद और उन की शरीक-ए-हयात अपनी मंज़िल तक बला रुकावट पहुंच सके ।
एक मुक़ामी देहाती क़ाज़ी रक़ीब ने कहा कि ये उन केलिए इंतिहाई ख़ुशी की बात है कि देहात के बरादर-ए-निसबती इस का दौरा करेंगे । इन का पुर जोश इस्तिक़बाल किया जाएगा । नरेल के डिप्टी कमिशनर मुहम्मद ज़हीर उल-हक़ ने कहा कि इमकान है कि सदर जमहूरीया अपने ख़ुसर के मकान में एक घंटा क़ियाम करेंगे बादअज़ां वो ज़िला कशतया का दौरा करेंगे और शिलाई डहा में टैगोर की क़ियामगाह कोठी बाड़ी का दौरा करेंगे ।
ज़िलई इंतिज़ामीया ज़राए के बमूजब प्रणब मुखर्जी और शोरा एक हेलिकॉप्टर के ज़रीया नरेल ब्वॉयज़ हाई स्कूल के मैदान में उतरें गे जहां से उन्हें भद्र बैला देहात ले जाया जाएगा ।शोरा आँजहानी अमरेन्द्र घोष और मीरा रानी घोष की बेटी है और अपने चार भाईयों और चार बहनों में सब से बड़ी है।
उनके भाई कनाई लाल घोष 1992 में तकसीम-ए-हिंद के पाँच साल बाद हिंदूस्तान मुंतक़िल हुए थे ।971 में बंगला देश की जंग-ए-आज़ादी के दौरान पाकिस्तानी क़बज़ा गीर फ़ौज और उनके मुक़ामी मुआवनीन ने अमरेन्द्र का मकान तोड़ फोड़ का निशाना बनाया था ताहम बादअज़ां कनाई लाल घोष ने उसकी दुबारा तामीर की ।
प्रणब मुखर्जी ने बंगाली टी वी चैनल ए टी ऐम पर कहा कि वो अपने ससुराल कभी नहीं गए हालाँकि उन की अहलिया शोरा मुकर्जी अपनी बेटी शर मस्ता मुखर्जी के साथ भद्र बैला देहात में अपने मकान का 1995 में दौरा करचुकी हैं जबकि वो एक सक़ाफ़्ती वफ़द की क़ियादत करते हुए यहां आई थी।
सदर जमहूरीया ने कहा कि वो हमेशा बंगला देश का दौरा करने की ख़ाहिश रखते थे क्योंकि ये उन केलिए वतन वापसी के मुमासिल है । चुनांचे उन्होंने बहैसीयत सदर जमहूरीया अपने अव्वलीन ग़ैर मुल्की दौरे केलिए बंगला देश का ही इंतिख़ाब किया ।