सहर और इफ़्तार के मवाक़े पर शहर में बर्क़ी कटौती

रमज़ानुल मुबारक में बर्क़ी की मोअस्सर सरब्राही से मुताल्लिक़ हुकूमत के ऐलानात के बावजूद पुराने शहर में सहर और इफ़्तार के मौक़ा पर बर्क़ी की कटौती का सिलसिला जारी है।

हुकूमत और शहर से ताल्लुक़ रखने वाले वुज़रा की अदम दिलचस्पी के सबब महकमा बर्क़ी के ओहदेदार ऐसा महसूस होता है कि तास्सुब का रवैया अख़्तियार करते हुए रमज़ानुल मुबारक में रोज़ेदारों को तकलीफ़ में मुबतला करना चाहते हैं।

चीफ मिनिस्टर चन्द्र शेखर राव की ख़ुसूसी दिलचस्पी के सबब गर्मा के दौरान बर्क़ी कटौती से गुरेज़ किया गया। कई बरसों से गर्मा के दौरान बर्क़ी कटौती का सिलसिला जारी था लेकिन टी आर एस हुकूमत ने गर्मा के बावजूद बर्क़ी की बिला वक़्फ़ा सरब्राही को जारी रखा लेकिन रमज़ानुल मुबारक के आग़ाज़ के साथ कटौती का आग़ाज़ बाइसे हैरत है।

किसी भी हुकूमत ने रमज़ानुल मुबारक के दौरान बर्क़ी की सरब्राही में कटौती नहीं की और ना ही सेहत और सफ़ाई के इंतेज़ामात में कोई कोताही की गई। वज़ीर बर्क़ी और शहर से ताल्लुक़ रखने वाले वुज़रा पर इन्हिसार किए बगैर चीफ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव को आला सतही इजलास तलब करना चाहीए।