सहारा ग्रुप को सरमायाकारों की रक़ूमात अदा करने की हिदायत

नई दिल्ली, 04 दिसंबर: (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा ग्रुप की इस बात पर शदीद सरज़निश की कि इसने अब तक सरमायाकारी करने वालों के 27000 करोड़ रुपये वापस नहीं किए हैं ।

चीफ जस्टिस अल्तमिश कबीर पर मुश्तमिल एक बंच ने सहारा इंडिया रीटेल इस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को सिर्फ़ एक रोज़ की मोहलत दी है कि वो कल तक अपना मौक़िफ़ ज़ाहिर कर दें कि आया अंदरून एक हफ़्ता वो सरमाया कारी करने वालों की पूरी रक़म 27000 करोड़ रुपये अदा करेंगे या नहीं, जस्टिस अल्तमिश कबीर जो अपनी नरम मिज़ाजी और नरम गुफ़तारी के लिए मशहूर हैं, ने फैसला सुनाते वक़्त सख़्त लहजा का इस्तेमाल करते हुए मज़कूरा कंपनियों की सरज़निश की कि वो अपेक्स कोर्ट के हुक्मनामों को गैर मल्हूज़ रखते हुए अदायगीयों से दामन बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनीयों की जानिब से दाख़िल करदा दरख़्वास्तें अब काबिल मसमू नहीं हैं।