नई दिल्ली / बैंगलौर ०५ फ़रवरी (पी टी आई) हिंदूस्तानी क्रिकेट में आज उस वक़्त ड्रामाई मोड़ देखने को मिला जब इस के सब से बड़े स्पांसर सहारा ने बी सी सी आई से अपने 11 साला तवील मालीयाती मुआहिदा का दरमयानी मुद्दत में ही नाता तोड़ लिया है और आई पी एल से भी किनाराकशी इख़तियार कर ली है।
सहारा की जानिब से जारी कर्दा तफ़सीली प्रेस नोट में कई अहम वजूहात बताई गईं जिस में बी सी सी आई की मालीयाती मुआमला में कई बे क़ाईदगियों को उजागर किया गया। सहारा ने यक्म जुलाई 2010 को बी सी सी आई से अपने मुआहिदा की तजदीद की थी जोकि 31 दिसमबर 2013 की मीयाद के लिए था और इस पर वो फ़ी टेस्ट मैच, वंडे और टवन्टी 20 के लिए 3.34 करोड़ रुपय अदा कर रहा था। सहारा की जानिब से जारी कर्दा ब्यान में कहा गया कि बहैसीयत स्पांसर 11 साल के सफ़र में क्रिकेट अब बहुत अमीर बन चुकी है और कई ऐसे अफ़राद मौजूद हैं जो इस का तआवुन कर सकते हैं।
सहारा ने हिंदूस्तानी क्रिकेट के साथ जज़बाती लगाव के ज़रीया अपने सफ़र का आग़ाज़ किया था लेकिन बी सी सी आई ने कभी इस के जज़बात की क़दर नहीं की। नीज़ आई पी एल के लिए बी सी सी आई की जानिब से उसे कई बे क़ाईदगियों का सामना करना पड़ा है। सहारा ने गुज़श्ता बरस कूची टसकर केरला के ज़रीया आई पी एल की दुनिया में क़दम रखा लेकिन बी सी सी आई की जानिब से उसे नाअहल क़रार दिया गया।
