नामी इतिहासकार और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व वाइस चांसलर प्रफेसर मुशीरुल हसन का सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन पर जामिया परिवार के अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शोक व्यक्त किया।
केजरीवाल ने कहा, ‘लेखक और नामी स्कॉलर हसन जी का जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए योगदान हमेशा याद किया जाएगा।’ सिसोदिया ने कहा कि हसन जी की मौत से न सिर्फ शिक्षा के फील्ड को नुकसान हुआ है, बल्कि उन्हें भी नुकसान हुआ है जो सही के साथ खड़े होने में यकीन करते हैं।
प्रफेसर मुशीरुल हसन लंबे समय से बीमार थे। पद्मश्री हसन आधुनिक भारत के इतिहासकार थे। साउथ एशिया में इस्लाम पर स्टडी को लेकर भी उनका काम जाना जाता है। वह नैशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल भी रहे। इसके अलावा देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटी और अकैडमी में वह खास अकैडमिक पोस्ट पर भी रहे। सोमवार सुबह करीब 4 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। हसन 2004 से 2009 के दौरान जामिया के वीसी थे।
मुशीरुल हसन को यूनिवर्सिटी के ही कब्रिस्तान में दफनाया गया। उनकी पत्नी प्रफेसर जोया हसन, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के अलावा जामिया के ऑफिशिएटिंग वीसी प्रफेसर शाहिद अशरफ, रजिस्ट्रार ए. पी. सिद्दीकी इस मौके पर मौजूद थे।
जामिया के पूर्व वीसी नजीब जंग, शाहिद मेहंदी के अलावा जामिया की फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने हसन को याद किया। यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे एम. एम. अंसारी सभागार में उनके लिए शोक सभा हुई।
लेफ्ट लीडर सीताराम येचुरी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत कई नेताओं समेत शिक्षाविदों ने भी उनके निधन पर शोक जताया।
(साभार: नवभारत टाइम्स)