साइबर धोका दही से मासूम शहरीयों को लौटने का बाज़ार गर्म

साइबर धोका दही के बाद धोका बाज़ों ने अब नए तरीका-ए-कार इख़तियार करते हुए मासूम अवाम को लौटने का बाज़ार गर्म कर रखा है। अख़बारात में पुर कशिश इश्तिहार बैरून-ए-मुल्क मुलाज़िमतों के झानसों के ज़रीये बेरोज़गार नौजवानों को राग़िब करते हुए धोका बाज़ों की तरफ्स हज़ारों रुपये वसूल किए जा रहे हैं और रक़ूमात की अदायगी के बाद रोज़गार के मुतलाशी इन नौजवानों के फ़ोन नहीं उठाए जा रहे हैं। मुसलसिल फ़ोन करते हुए मुलाज़िमत का मुतालिबा करने वाले नौजवानों को नक़ली दस्तावेज़ात बज़रीया मेल रवाना करते हुए ये कहा जा रहा हैके वो दस्तावेज़ात पर दिए गए नंबरात पर राबिता क़ायम करें इन नंबरात पर राबिता क़ायम होना इंतिहाई दुशवार कुन साबित होरहा है और बसाऔक़ात एसे नंबरात दिए जा रहे हैं जिन से राबिता क़ायम करने के लिए फ़ी मिनट 100 ता 200 रुपये भी अदा करने पड़ रहे हैं टोली की तरफ से शारजा, दुबई ,सिंगापुर वग़ैरा में मुलाज़िमत की पेशकश करते हुए फ़ोन नंबरात और फ़र्ज़ी लाईसेंस नंबर दिए जा रहे हैं। ज़रूरतमंद जब इस नंबर पर राबिता क़ायम करता है तो उसे सब से पहले पासपोर्ट की नक़ल रवाना करने का मश्वरह दिया जा रहा है और पासपोर्ट की नक़ल की वसूली के बाद फ़र्ज़ी इंटरव्यू करते हुए भारी तनख़्वाह का पेशकश किया जा रहा है। इस इंटरव्यू में कामयाब होने की इत्तेला फ़राहम करने के बाद मुलाज़मत के ख़ाहिशमंद नौजवानों को इस बात की इत्तेला दी जा रही हैके उन्हें जो वीज़ा हासिल होगा वो मुफ़्त नहीं है बल्कि इस के लिए उन्हें 25 ता 30 हज़ार रुपये अदा करने होंगे । ज़रूरतमंद नौजवान अपने इंतिख़ाब की आस में इस बात के लिए रज़ामंद होरहे हैं। जैसे ही नौजवान वीज़ा ख़रीदने के लिए तैय्यार होते हैं उन्हें कहा जाता हैके वो ठग्गों की टोली की तरफ से फ़राहम करदा पते पर मौजूद डाइग्नॉस्टिक सेंटर में मेडिकल करवा लें क़ब्लअज़ीं वीज़ा के लिए दरकार रक़म का कम अज़ कम 50 फ़ीसद हिस्सा बज़रीया अकाउंट मुंतक़िल करें।

अकाउंट में रक़म की मुंतक़ली के फ़ौरी बाद बज़रीया ई मेल डाइग्नॉस्टिक सेंटर का पता फ़राहम किया जाता है जहां 5 ता 10 हज़ार रुपये वसूल करते हुए बैरून-ए-मुल्क मुलाज़मत के ख़ाहिशमंद नौजवान के मुख़्तलिफ़ टेसट किए जाते हैं और अंदरून एक हफ़्ता एक एसी रिपोर्ट नौजवान के हवाले करदी जाती है जिस के मुताबिक़ वो बैरून-ए-मुल्क ख़िदमात की अंजाम दही के लिए तिब्बी एतेबार से फिट नहीं है। इस रिपोर्ट की मोसोली के बाद नौजवान ख़ामोशी इख़तियार करलेते हैं या फिर बाज़ लोग वीज़े के लिए अदा करदा रक़म की वापसी का इसरार करते हैं जिस पर ठग्गों की टोली इन नौजवानों को गाली ग्लोच करते हुए ख़ामोश करवा देती है। साइबर क्राईम महिकमा पुलिस के अलावा खु़फ़ीया इदारों को चाहीए कि वो इस तरह के ठग्गों की टोलियों का तआक़ुब करते हुए मासूम अवाम को इन का शिकार होने से बचाने के इक़दामात करें।