साइबर मामलों में अब मुल्क ले रहा झारखंड पुलिस एक्सपर्ट्स की मदद

रांची/पटना : साइबर मामले सुलझाने के लिए झारखंड पुलिस ने खुद को एक्सपर्ट बना लिया। वह भी महज़ कुछ सालों  में। जबकि पड़ोसी रियासत बिहार अब भी इस मामले में बहुत पीछे हैं। झारखंड पुलिस के एडीजी एसएन प्रधान और साइबर एक्सपर्ट विनीत ने बताया कि अगले छह महीने में हम ऐसा प्रोजेक्ट ला रहे हैं, जिससे साइबर क्राइम डिटेक्शन के मामले में झारखंड मुल्क का सबसे अच्छा रियासत बन जाएगा। ऐसा एक कौमी सतह का प्रोजेक्ट पहले भी रांची से चल चुका है। हालांकि प्रोजेक्ट का नाम दोनों ने बताने से मना कर दिया। कहा- जल्द ही वज़ीरे आला रघुवर दास इसका खुलासा करेंगे।

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प्रधान ने बताया कि मुल्क के किसी भी कोने में साइबर क्राइम का मामला हो, वहां की पुलिस झारखंड के साइबर सेल या उसके एक्सपर्ट से राब्ता जरूर साधती है। क्योंकि झारखंड ने साइबर क्राइम का दर्द सबसे ज्यादा सहा है।

यहां के जामताड़ा में तो हजारों की तादाद में बच्चे साइबर क्राइम में शामिल हैं। हाल ही में झारखंड पुलिस की इत्तिला पर मुंबई पुलिस ने इन मुजरिमों के आका को पकड़ा था। कुछ साल पहले भी मुंबई पुलिस ने झारखंड साइबर सेल से मदद मांगी थी। मामला था अभिनेत्री बिग बॉस-6 फेम आशंका गोरडिया का।

उन्हें फेसबुक के जरिए जान से मारने की धमकी मिली थी। जब मुंबई पुलिस मामला सुलझा नहीं पाई, तो उसने झारखंड के साइबर एक्सपर्ट विनीत से मदद मांगी। उन्होंने सिर्फ दो घंटे में ही मुंबई पुलिस को गुनहगार के लोकेशन तक पहुंचा दिया। लोकेशन था गुड़गांव। पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह नाबालिग निकला। उसे जेल भेज दिया गया।

प्रधान ने बताया कि हम साइबर क्राइम डिटेक्शन में आगे बढ़े हैं। हमारे एक्सपर्ट विनीत अभी आर्मी में सर्विस दे रहे हैं। अगले छह महीने में हम उन्हें वापस लाएंगे। वहीं, विनीत ने भी इस बात की तस्दीक की कि जब भी झारखंड पुलिस को मेरी जरूरत होगी, मैं मदद करुंगा।

वहां पहले से साइबर डिफेंस रिसर्च सेंटर (सीडीआरसी) चल रहा है। बताया कि साइबर क्राइम रिवायती जुर्म से ज्यादा जटिल है। यहां हर रोज इनोवेटिव जुर्म होते हैं। उन्हें पकड़ने के लिए रिसर्च बेहद जरूरी है। उन्होंने स्कूल, घर और मुख्तलिफ अदारों में साइबर क्राइम को लेकर बेदारी मुहीम चलाने की जरूरत बताई।