रांची: वज़ीर-ए-दिफ़ा मनोहर पारीकर ने झारखंड रक्षा शक्ति यूनीवर्सिटी का संग-ए-बुनियाद रखा और कहा कि साइबर हमलों से निमटने के लिए ताक़त के साथ इन्टेलिजेन्स की ज़रूरत भी वक़्त का तक़ाज़ा है। इन्होंने बताया कि अब हम साइबर दौर में हैं लिहाज़ा ताक़त के साथ इन्टेलिजेन्स की भी अशद ज़रूरत है और ये दोनों ख़ुसुसीयत साइबर हमलों से निमटने में कारगर साबित होंगे।
इन्होंने बताया कि आज संग-ए-बुनियाद रखने के साथ ही गुजरात और राजस्थान के बाद झारखंड तीसरी रियासत बन गई है जहां पर रक्षा शक्ति यूनीवर्सिटी क़ायम की जा रही है। रक्षा शक्ति यूनीवर्सिटी जोकि एक साल क़बल गुजरात में शुरू की गई है। पुलिस साईंस और इंटरनल सिक्योरिटी (दाख़िली सलामती के शोबों में सर्टीफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेस की पेशकश की जाती है।
एक सरकारी बयान में मतला किया गया है कि ये यूनीवर्सिटी रांची के क़रीब25 एकड़ अराज़ी पर क़ायम की जाएगी जिसमें हर साल300 ता500 तलबाएको दाख़िला दिया जाएगा। इस मौक़े पर मनोहर पारीकर ने कहा कि झारखंड में मुल्क के 50 फ़ीसद मादिनी वसाइल पाए जाते हैं लेकिन ये रियासत तवक़्क़ो के मुताबिक़ तरक़्क़ी से महरूम रही। अगर इस रियासत ने मुल्क को बहुत कुछ दिया लेकिन इस का मुसतहक़ा हिस्सा वापिस नहीं दिया गया|