साइबर हमलो से सार्वजानिक क्षेत्र के बैंको को ज्यादा खतरा: डिप्टी गवर्नर(आरबीआई)

रिज़र्व बैंक ने कहा की भारतीय बैंक नियामक वित्तीय प्रणाली को उजागर करने में ढीले है, और निजी बैंको से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक खतरे में है|

धोकाधड़ी के बढ़ते मामलो से निपटने के लिए भारतीय बैंको के पास कुशल मानव संसाधनों की कमी है, चाहे वह ऑनलाइन लेनदेन हो या फिर बैंक से जुड़े व्यक्तिगत लेनदेन हो-हालांकि लोगो के भर्ती की जा रही है, रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस. मुनरा ने बताया|

“रिज़र्व बैंक के आदेश है की असामान्य-साइबर अपराधों के मामलो की सुचना २-६ घंटे में दर्ज हो जानी चाहिए|” मुनरा ने “सेमिनार ऑन फाइनेंसियल क्राइम्स मैनेजमेंट” के दौरान यह बात कही| ”

उन्होंने कहा की आईटी सेवाओं और साइबर सुरक्षा के लिए धन आवंटन के पारंपरिक तरीकों में भरी बदलाव की जरूरत है जिसे बैंक खतरों से निपटने के लिए कारगर तरीके विकसित कर सकें|