साईंस के शोबा में हिंदूस्तान पर चीन को बरतरी

भूवनेश्वर ०४ जनवरी (रत्ना चौधरानी) वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने इस बात का एतराफ़ करते हुए कि साईंस के शोबा में हिंदूस्तान के मुक़ाबिल चीन ने बरतरी हासिल कर ली है। साईंस की दुनिया में चीन जैसे मुल्कों ने अपना ग़लबा पा लिया है।

हिंदूस्तान को 2017 में 12 वें पंजसाला मंसूबा के इख़तताम तक साईंसी तरक़्क़ी के लिए बहुत बड़ी जिहत लगाने की ज़रूरत है। हिंदूस्तानी साईंस के चेहरे को तबदील करने वाले हौसला अफ़ज़ा-ए-मंसूबा का अहाता करते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने तशवीश ज़ाहिर की कि ख़ातून साईंसदानों की बड़ी तादाद रोज़गार के मौक़े ना होने के बाइस मुलाज़मतों से महरूम हैं।

गुज़श्ता चंद सालों के दौरान साईंसी दुनिया में हिंदूस्तान का क़द घटता जा रहा है। इस लिए हिंदूस्तान को अपने साईंसी रिसर्च में मसारिफ़ को बढ़ाना होगा। अंदरून-ए-मुल्क मजमूई पैदावार का कम अज़ कम 2 फ़ीसद हिस्सा और सनअत से भी मिलने वाले तआवुन में इज़ाफ़ा करते हुए साईंसी रिसर्च को फ़रोग़ देना होगा। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने यहां ए आई आई टी कैंपस में 99 हिंदूस्तानी साईंस कांग्रेस का इफ़्तिताह करते हुए कहा कि जहां तक रिसर्च का ताल्लुक है हिंदूस्तान में आर ऐंड बी पर जी टी पी का ख़र्च बहुत कम हो रहा है।

गुज़श्ता चंद दहों के दौरान चीन जैसे ममालिक ने साईंसी तरक़्क़ी में ग़लबा पालिया है। दुनिया के साईंसी शोबा में हिंदूस्तान का मौक़िफ़ घटता जा रहा है। सोच में तबदीली आ रही है लेकिन हम इस पर मुतमइन नहीं हो सकते।

हम ने अब तक जो कुछ भी कारनामे अंजाम दिए हैं वो इतमीनान बख़श नहीं हैं। हमें हिंदूस्तानी साईंस की क़िस्मत बदलने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा तबदीलीयां लाने की ज़रूरत है। उन्हों ने कहा कि हमारा मक़सद ये होना चाहीए कि हम जी डी पी के 2 फ़ीसद हिस्से को आर ऐंड डी पर किए जाने वाले मसारिफ़ में इज़ाफ़ा किया जाए। 12 वीं पंजसाला मंसूबा के ख़तन तक अंदरून-ए-मुल्क मजमूई पैदावार की शरह फ़ीसद 0.9 सतह पर है।

अगर सनअती शोबा आर ऐंड डी के मसारिफ़ का एक तिहाई हिस्सा साईंस के लिए तआवुन करें तो हम इस में तरक़्क़ी हासिल कर सकते हैं। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहा कि साईंसी शोबा में रिसर्च को फ़रोग़ देने की कोशिश में क़ौमी गुंजाइश क़ायम करने की तजवीज़ का जायज़ा लिया जा रहा है। इंस्टीटियूट आफ़ साईंस बैंगलोर की जानिब से पाँच हज़ार करोड़ की लागत से एक सुपर कंप्यूटिंग में सलाहीयतों को फ़रोग़ दिया जा रहा है।

उन्हों ने कहा कि तमिलनाडू के ज़िला थानी में एक नीवटरनो ऑब्ज़र्वर ट्री के क़ियाम के लिए भी तजवीज़ रखी गई है। इस के लिए एक हज़ार 350 करोड़ की लागत का तख़मीना लगाया गया है। उन्हों ने इस बात की भी निशानदेही की कि बुनियादी रिसर्च से ज़्यादा एप्लाइड रिसर्च की हिमायत में खुले आम रुकमी आर ऐंड डी इमदाद दी जा रही है।

रिसर्च से नई मालूमात में इज़ाफ़ा होता है इस लिए इस इलमी पैदावार को इस्तिमाल करने के लिए इख़तिराई इक़दामात की ज़रूरत है। समाजी फ़वाइद के लिए हमें इख़तिराई इक़दामात करने होंगी। उन्हों ने साईंस कांग्रेस को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस साईंस में ख़वातीन के रोल को रोशनास कराया है। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने ख़ातून साईंसदानों की सताइश की और कहा कि इन ख़ातून साईंसदानों ने मर्द हज़रात के रिवायती ग़लबा वाले शोबा में अपनी शनाख़्त पैदा कर ली है।

उन्हों ने ये भी बताया कि मुल्क के अग्नी मीज़ाईल का प्रोग्राम एक ख़ातून साईंसदाँ ने तैयार किया था। तैसी थॉमस ख़ातून साईंसदाँ ने ये कारनामा अंजाम दिया। गुज़श्ता साल पहली मर्तबा तीन ख़ातून साईंसदानों ने शांति स्वरूप भटनागर ऐवार्ड भी हासिल किया। जो गुज़श्ता 1958-ए-से लेकर गुज़श्ता साल तक जुमला 11 ख़वातीन को एवार्ड्स से नवाज़ा गया है।

वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने इस मौक़ा पर 23 साईंसदानों को एज़ाज़ात अता किए इन में 8 साईंसदान आलमी साईंस से वाबस्ता हैं। वज़ीर-ए-आज़म ने उन की हौसला अफ़्ज़ाई करने के लिए रिवायती इलमी निज़ाम को फ़रोग़ देने पर ज़ोर दिया। उन्हों ने 2 क़बाइलीयों को भी ये एज़ाज़ अता किया।

मर्कज़ी वज़ीर साईंस और टैक्नालोजी विलास राव देशमुख, गवर्नर उड़ीसा एन सी भंडारे और चीफ़ मिनिस्टर नवीन पटनायक भी इस कान्फ़्रैंस में मौजूद थे।