भूवनेश्वर, ०५ जनवरी । ( रत्ना चौधरानी ) साबिक़ सदर जमहूरीया डाक्टर ए पी जे अबदुल कलाम ने आज कहा कि साईंस में मीज़ाईल बनाने की सलाहीयत है और ग़िज़ा की फ़राहमी की गुंजाइश भी साईंस ही फ़राहम करती है , अब मुल्क को फ़ैसला करना है कि साईंस से किस तरह इस्तिफ़ादा किया जाये ।
डाक्टर अबदुल कलाम यहां 99 वीं इंडियन साईंस कांग्रेस का इफ़्तिताह करने के बाद एक कमसिन तालिब-ए-इल्म के सवाल का जवाब दे रहे थे । उन्हों ने कहाकि हिंदूस्तान मीज़ाईल और सैटेलाइट की तैयारी में कामयाब हुआ है लेकिन भूके लोगों केलिए माक़ूल ग़िज़ा की फ़राहमी पर ख़ातिरख़वाह तवज्जा नहीं की गई ।
उन्हों ने कहा कि साईंस हर मसले का हल रखती है बशर्ते के इसे तामीरी अंदाज़ में इस्तिमाल किया जाए। साईंस अवाम केलिए है लेकिन इस से सही माअनों में इस्तिफ़ादा शर्त है । बच्चों की तरफ़ से इस तरह के कई दिलचस्प सवालात किए गए जो साबिक़ सदर से जवाबात हासिल करने के ख़ाहिशमंद थे ।
डाक्टर अबदुल कलाम ने हाज़िरीन में से 10 बच्चों को मुंतख़ब करते हुए उन्हें सवालात करने की इजाज़त दी थी । मीज़ाईल मियान से ऐसे सवालात भी किए गए कि जब धाती शए को गर्म किया जाता है तो वो अपनी मक़नातीसी क़ुव्वत खो देती है , फिर जब ज़मीन गर्म होती है तो अपनी मक़नातीसी ताक़त क्यों नहीं खोती ?,
ज़मीन क्यों गर्दिश करती है ? , मीज़ाईल बहरी ज़िंदगी को मुतास्सिर कर रहे हैं उसे किस तरह रोका जा सकता है ? ।
इस जैसे मुख़्तलिफ़ सवालात पर हाज़िरीन ने बच्चों को दाद-ओ-तहसीन पेश की । साबिक़ सदर ने बच्चों से अपील की कि वो अपने घरों को क्रप्शन से पाक करने का अज़म कर लें ।