पटना 21 जुलाई : मिड डे मील खाने से जिस गंडामन स्कूल के 23 बच्चों की मौत हो गयी, उसकी हेडमास्टर मीना देवी ने पांच दिन बाद अपनी जुबान खोली है। उसने वाकिया में किसी बड़ी साजिश की खदशा ज़ाहिर है। सनीचर को दोपहर मीना देवी ने एक अखबार से फ़ोन पर बातचीत की और अपना हक राखी। मीना देवी ने कही कि वह अदालत की पनाह लेंगी। उसने सारण के डीआइजी और कमिश्नर की तहकीकात पर आदम एतमाद जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी वाकिया हुई है। इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। हेडमास्टर ने अपने खानदान पर हमले की भी खदशा ज़ाहिर की है।
2007 में मुलाजमत उस्ताद के तौर में बहाल मीना देवी को 2011 में गंडामन में नया प्रायमरी स्कूल खुला, तो उस वक़्त ब्लाक तालीम अफसर ने यहां तबादला कर दिया। सीनियर होने की वजह उसे प्रिंसिपल बनाया गया। दूसरी टीचर हैं कुमारी कल्पना। वाकिया के दिन दूसरी टीचर स्कूल नहीं आयी थीं। मीना देवी ने कहा कि उन्हें किसी पर शक नहीं, पर इतना तय है कि साजिश के तहत किसी ने खाने में जहरीला मादह मिलाया है। जिस वक़्त खाना बना, उस वक़्त ठीक था। अपने को बेकसूर मानते हुए मीना देवी ने कहा कि उनके खानदान के दो बच्चों की मौत हुई है।
एक दिन पहले भी इसी तेल से बना था खाना
बातचीत के दौरान घबरायी और सहमी मीना देवी ने कहा कि नजदीक के बाजार से खरीदे गये सरसों तेल से सब्जी बनी थी। इस तेल से एक दिन पहले भी खाना बना था। वाकिया के दिन स्कूल में वह अकेली थी। दूसरी टीचर कुमारी कल्पना ने नहीं आने की कोई इत्तेला नहीं दी। वह अकेले तालीम काम और खाना को भी संभाल रही थी। इसी दरमियान जिन बच्चों ने खाना खाया, वह बेहोश होने लगे। हेड मास्टर ने कही कि बच्चों को गिरते देख उसने गांववालों से मदद की फ़रियाद लगायी
तालीम कमेटी की रजामंदी से बनता था खाना
मीना देवी ने कहा कि गंडामन स्कूल में तालीम कमेटी है। कमेटी की राय से ही खाना बनता है। मेरे शौहर की कोई किराना दुकान नहीं है। बगल की दुकान से ही सामान मंगवाये जाते थे।
इलेक्शन के दिन से ही था गांव में कशीदगी
मीना देवी ने कहा कि महाराजगंज लोकसभा इन्तेखाबात के दिन गांव में दो गुटों में झड़प हुई थी। मुकामी पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमा चलाया था। मीना देवी ने किसी पर शक जाहिर नहीं किया, लेकिन सियासी साजिश की खदशा से इनका नहीं की।