नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने साढ़ू को अवैध तरीके से पीडब्ल्यूडी में ठेके दिलवाकर फायदा पहुंचाने का आरोप है. इसी मामले में कल अदालत ने केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज करने की मांग संबंधी याचिका पर आर्थिक अपराध शाखा से जवाब मांगा है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में ठेके दिलवाकर सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
अमर उजाला के अनुसार, महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्रा के समक्ष पेश आईपी एस्टेट थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है. इसके बाद अदालत ने ईओडब्ल्यू के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी. अदालत ने पीडब्ल्यूडी से इस मामले से संबंधित ठेका आवंटन संबंधी दस्तावेज को कब्जे में लेकर सुरक्षित रखने को कहा है.
आरोप लगाया गया कि वास्तव में जिस जगह मरम्मत कार्य का ठेका दिया गया था, वहां कुछ हुआ ही नहीं है. याची ने अदालत से मांग की है कि वह केजरीवाल, उनके साढू़ और पीडब्लूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीके कथूरिया सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दें.
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता वकील किसले पांडेय ने अदालत के समक्ष कहा कि इस मामले में बड़ी गहराई तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है. केजरीवाल ने पहले अपने साढू़ सुरेंद्र कुमार बंसल को पीडब्लूडी के ठेके दिलवाए. ये ठेके मामूली सड़क मरम्मत आदि से जुड़े थे. इस संबंध में आरटीआई लगाई गई, तो पता चला कि सुरेंद्र बंसल ने मरम्मत कार्य के लिए जिन लोगों से ईंट, सीमेंट, सरिया आदि खरीदा उनके खातों में बंसल के साथ हुए किसी लेनदेन का जिक्र ही नहीं है. उनका तर्क है कि इससे साफ है कि बंसल ने फर्जी बिल पीडब्लूडी में लगाए और उन्हें विभाग ने बिना जांच पड़ताल किए पास भी कर दिया.