सहूलत वापस करने के साबिक़ सीएम नीतीश कुमार के एलान को भाजपा लीडर सुशील मोदी ने नाटक करार दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सादगी का नाटक कर रहे हैं।
पहले तो अपनी मंजूरी और इशारों से अपने लिए कैबिनेट के जरिये सहूलत करवाते हैं, फिर जब इसकी तनकीद होने लगती है, तब उसकी वापसी कर सादगी दिखाने का नाटक करते हैं। सीएम ओहदे से हटने के बाद उन्होंने अपने लिए तीन मकानों का तक़सीम कराया।
एक पसंद नहीं आया, तो दूसरा और जब वह भी पसंद नहीं आया, तो चीफ़ सेक्रेटरी के बंगला को खाली करा कर साबिक़ वजीरे आला के नाम पर तक़सीम कराया। इसी तरह विधान परिषद में सेक्रेटरी के फ्रंट लुक वाले रूम को उन्होंने अपने लिए खाली करा कर एलोट कराया। दरअसल नीतीश कुमार को वे तमाम सहूलतें चाहिए, जिनके सहारे वे रिमोट से हुकूमत चला सकें। वजीरे आला का ओहदा भले ही उन्होंने छोड़ा है, मगर चालाकी नहीं।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में कारोबारियों और ताज़ीर डरे हुये हैं। टैक्स जमा के लिए उनका दोहन हो रहा है। गैर जरूरी जांच, छापेमारी और जब्ती जैसी कार्रवाई से कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है। सूबे का ‘कारोबारी फ्रेंडली माहौल’ हुकूमत की इस कार्रवाई से डर और दहशत में तब्दील हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा से इत्तिहाद टूटने का असर जहां हुकूमत के तमाम महकमा के तरक़्क़ी कामों पर पड़ा है, वहीं कारोबारी टैक्स महकमा के टैक्स जमा पर भी खराब असर पड़ा है।