सादिक़ जमाल एनकाउंटर मुक़द्दमे में पुलिस अफ़्सर गिरफ़्तार

अहमदाबाद. 7 फरवरी (पी टी आई) सादिक़ जमाल के 2003 में मुबय्यना फ़र्ज़ी एनकाउंटर की जांच कर रही सी बी आई ने आज रिटायर्ड डी एस पी के एम वाघेला को गिरफ़्तार कर लिया जो इस मामले में कलीदी मुल्ज़िम हैं। वाघेला की गिरफ़्तारी के बाद स्पैशल सी बी आई कोर्ट के अलावा चीफ़ जूडीशल मजिस्ट्रेट एच एस खतवाड़ के सामने पेश किया गया जिन्होंने मुल्ज़िम को हिरासत में दे दिया।

इससे पहले ख़ुसूसी सी बी आई अदालत ने वाघेला के ख़िलाफ़ नाक़ाबिल ज़मानत वारंट जारी किया था। वाघेला रिटायर्ड डिप्टी सुप्रिटेंडेंट‌ पुलिस है। जनवरी 2003 में डिटेक्शन के क्राईम ब्रांच अहमदाबाद में पुलिस इन्सपैक्टर थे और टीम का हिस्सा थे जिस ने भाव‌ नगर के रहने वाले सादिक़ जमाल को शहर के मुज़ाफ़ात में मुबय्यना फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा था।

वाघेला के ख़िलाफ़ सी बी आई ने पहले इज़ाफ़ी चार्ज शीट पेश की और तब से वह फ़रार थे। इस माम‌ले में सी बी आई ने अभी 8 मुल्ज़िमीन समेत नयाब सुप्रिटेंडेंट‌ पुलिस तरूण बारूत, 6 दीगर कारकुनान पुलिस और साबिक़ मुंबई सहाफ़ी केतन तरोडकर को गिरफ़्तार कर लिया जो उस वक़्त ज़मानत पर थे।.

वाघेला की गिरफ़्तारी के साथ इस मामले में तमाम गिरफ़्तार होने वालों की तादाद बढ़ कर 8 हो गई है और मजमूई तौर पर 9 मुल्ज़िमीन को गिरफ़्तार किया गया है। इस एनकाउंटर के बारे में उस‌ वक़्त मसला खड़ा हो गया जब मुंबई के साबिक़ सहाफ़ी केतन तरोडकर ने मुंबई की अदालत में हलफ़नामा दाख़िल करते हुए कहा कि मुबय्यना एनकाउंटर से कुछ दिन पहले ही मुंबई पुलिस ने उसे गुजरात पुलिस के हवाले किया था। जून 2011 में हाईकोर्ट ने सादिक़ जमाल के भाई साबेर जमाल की दरख़ास्त पर मुबय्यना फ़र्ज़ी एनकाउंटर की सी बी आई जांच का हुक्म दिया था।