आर जे डी सरबराह लालू प्रसाद और उनकी अहलिया राबड़ी देवी ने आज अनेरोध प्रसाद उर्फ़ साधू यादव के इस ऐलान की मुज़म्मत की है जहां उन्होंने ख़ुद अपनी बहन राबड़ी देवी के ख़िलाफ़ आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से मुक़ाबला करने की बात कही है जो सरन हल्क़ा-ए-इंतख़ाब से मुक़ाबला करने तय्यार हैं, हालाँकि बी जे पी ने भी साधू यादव को सियासी मुफ़ादात के हुसूल के लिए इंतिख़ाबी मैदान में उतारने की तरदीद की है।
अख़बारी नुमाइंदों ने जब साधू यादव के बहैसियत आज़ाद उम्मीदवार इंतिख़ाबी मैदान में उतरने के बारे में लालू प्रसाद से पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि कौन कहाँ से मुक़ाबला कर रहा है। सरन हलक़ा में ऐसे उम्मीदवारों के बारे में कोई पूछेगा भी नहीं। राबड़ी देवी ने भी कहा कि साधू उनका भाई ज़रूर है लेकिन अब वो इनका सियासी दुश्मन बन चुका है लिहाज़ा इसके साथ समझौता का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
हम दुश्मन को हरगिज़ नहीं मनाएंगे। सरन के अवाम ही उसे सबक़ सिखाएंगे। याद रहे कि सरन में इंतिख़ाबी मुहिम के दौरान राबड़ी देवी ने अख़बारी नुमाइंदों को ये बात बताई। दूसरी तरफ़ लालू के बेटे तेज प्रताप ने भी अपनी माँ के ख़िलाफ़ अपने मामा के इंतिख़ाबी मैदान में उतरने को मुज़हका ख़ेज़ क़रार दिया।
इंतिख़ाबी मुहिम में अपनी वालिदा के साथ मौजूद तेज प्रताप ने कहा कि मामा सस्ती शौहरत के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं। सरन में जब वोटों की गिनती होगी तो मामा सब से आख़िर में होंगे। दूसरी तरफ़ बी जे पी भी बार बार यही कह रही है कि साधू यादव को वरग़लाने में पार्टी का कोई हाथ नहीं है क्यों कि इससे पार्टी को कोई सियासी फ़ायदा हासिल नहीं होगा।
साबिक़ नायब वज़ीर आला सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीटर पर कहा कि जब राबड़ी देवी ख़ुद अपने भाई को अपने ख़िलाफ़ मुक़ाबला आराई से नहीं रोक सकें तो बी जे पी पर इल्ज़ाम क्यों लगाया जा रहा है।