साबिक़ कांस्टेबल अबदुलक़दीर की रिहाई से हुकूमत का इंकार, अहलिया पर सकता

हैदराबाद,25 जनवरी: रियास्ती हुकूमत ने माज़ूर साबिक़ पुलिस कांस्टेबल मुहम्मद अबदुलक़दीर की रिहाई की दरख़ास्त को मुस्तर्द कर दिया। प्रिंसिपल सेक्यूरिटी होम श्रीमती छाया रतन की जानिब से कांस्टेबल की अहलिया साबरा बेगम को एक मकतूब भेजा गया जिस में ये वाज़िह तौर पर कहा गया है कि मुहम्मद अबदुलक़दीर को रिहा करने पर वो शहर में फ़िर्कावाराना फ़साद बरपा करसकते हैं।

मकतूब मौसूल होने और क़दीर की रिहाई पर हुकूमत का सख़्त मौक़िफ़ के बाद साबरा बेगम पर सकता तारी होगया है चूँकि उन के शौहर गुज़िशता चंद अर्सा से अलील है और उन का पैर भी काट दिया गया है। लेकिन हुकूमत ने तिब्बी बुनियादों पर क़दीर को दो माह के लिए पेरोल पर रहा करने का फ़ैसला किया है और इस सिलसिले में अनक़रीब अहकामात जारी किए जाऐंगे।

वाज़िह रहे कि साबरा बेगम ने गुज़िशता साल आंध्रा प्रदेश हाइकोर्ट में ऐडवोकेट श्रीमती पुष्पिंदर कौर की मदद से रिट दरख़ास्त दाख़िल करते हुए कांस्टेबल मुहम्मद अबदुलक़दीर की रिहाई की गुज़ारिश की थी। हाइकोर्ट ने अपने फ़ैसले में ये हिदायत दी थी कि साबरा बेगम हुकूमत से रास्त तौर पर रुजू होते हुए उन के शौहर की रिहाई तलब करे और हुकूमत को ये हुक्म दिया था कि वो कांस्टेबल की रिहाई से मुताल्लिक़ अपना मौक़िफ़ वाज़िह करे।

हाइकोर्ट की जानिब से मुक़र्ररा वक़्त गुज़रने के बावजूद भी हुकूमत साबरा बेगम को क़दीर की रिहाई से मुताल्लिक़ जवाब फ़राहम करने में टाल मटोल करती रही है। क़दीर जो गुज़िशता चंद अर्सा से अलील है और उन्हें गांधी हॉस्पिटल में ईलाज के लिए शरीक किया गया था जहां पर इन का पैर काट दिया गया। साबिक़ कांस्टेबल क़दीर गुज़िशता दो दहाईयों से जेल में क़ैद है और उन की सज़ा-ए-मुकम्मल होने के बावजूद भी हुकूमत उन्हें रहा करने से गुरेज़ कररही है।

हुकूमत ने साबरा बेगम को अपने जवाब में ये कहा है कि वो उन की दरख़ास्त रहम मुस्तर्द करते हुए रिहाई से इनकार कररही है जबकि ऐडवोकेट पुष्पिंदर कौर ने इस सिलसिले में बताया कि हुकूमत का जवाब मुकम्मल तौर पर ग़लत है चूँकि साबरा बेगम ने अपनी रिट दरख़ास्त में ना ही हुकूमत से की गई नुमाइंदगी में रहम की दरख़ास्त की है।उन्होंने कहा कि हुकूमत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ वो दुबारा हाइकोर्ट से रुजू होंगी।