अहमदाबाद, ०३ फ़रवरी ( पी टी आई ) साबिक़ डायरेक्टर जनरल पुलिस गुजरात मिस्टर आर बेसुरी कुमार ने आज सुप्रीम कोर्ट की तक़र्रुर करदा ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम पर सख़्त तन्क़ीद की जिस ने 2002 फ़सादाद केस में मुवाफ़िक़ नरेंद्र मोदी मौक़िफ़ इख़तियार किया है ।
मिस्टर सिरी कुमार ने कहा कि एस आई टी मिस्टर मोदी को इस्तिग़ासा से बचा रही है । अवाम के नाम एक खुला मकतूब जारी करते हुए मिस्टर सिरी कुमार ने मई 2008 में पहली मर्तबा बयान दिया था । उन्होंने इस वक़्त इल्ज़ाम आइद किया था कि किस तरह गोधरा ट्रेन वाक़िया में साज़िश कारफ़रमा था जो आली तरीन पुलिस ओहदेदारों ने रची थी ।
अपने साबिक़ा बयान में मिस्टर सिरी कुमार ने वाज़िह किया था कि किस तरह रियासती रिज़र्व पुलिस कैंप के एक कमांडेंट ख़ूर्शीद अहमद आली हुक्काम और बी जे पी क़ाइदीन के दबाव के बाइस अपने फ़राइज़ अंजाम नहीं दे सके थे जिस के नतीजा में 28 फ़रवरी 2002 को इकलेती बिरादरी के 95 अफ़राद का क़त्ल-ए-आम हो गया था ।
मिस्टर सिरी कुमार उस वक़्त रियासत की इंटेलीजेंस ब्यूरो के सरबराह थे । मिस्टर सिरी कुमार ने कहा कि उन्हों ने हक़ायक़ को मंज़रे आम पर लाने की अपनी आख़िरी कोशिश के तौर पर हिंदूस्तान के अवाम के नाम मकतूब तहरीर किया है । उन्हों ने अपने मकतूब में कहा कि बी आर-ओ-मददगार शहरियों के लिए अगर इक़तिदार पर फ़ाइज़ अफ़राद से कोई मदद नहीं मिल सकती है तो फिर इक़तिदार सौंपने के ज़िम्मेदार अवाम से ही मसला को रुजू कर देना आख़िरी रास्ता रह जाता है ।
साबिक़ डी जी पी ने कहा कि उन्हों ने फ़ौजदारी इंसाफ़ के निज़ाम को मोदी हुकूमत की जानिब से सुबू ताज किए जाने के ताल्लुक़ से मूसिर शवाहिद-ओ-सबूत भी पेश कर दिए हैं। उन्हों ने एस आई टी के सामने नौ हलफनामे दाख़िल किए हैं और कई मकतूब भी लिखे हैं। उन्हों ने इल्ज़ाम आइद किया कि इस सब के बावजूद एस आई टी सारे मुआमला से सिर्फ नज़र कर रही है और मिस्टर नरेंद्र मोदी और उन के साथियों के ख़िलाफ़ किसी भी सबूत को ख़ातिर में नहीं लाया जा रहा है ।
उन्हों ने सवाल किया कि एस आई टी साबिक़ रुकन पार्लीमेंट मिस्टर एहसान जाफरी की बेवा मुहतरमा ज़किया जाफरी की दरख़ास्त पर मुवाफ़िक़ मोदी जो मौक़िफ़ इख्तियार कर रही है इस का क्या जवाज़ हो सकता है । मिस्टर सिरी कुमार ने जो शवाहिद पेश किए हैं इन में ये भी शामिल है कि किस तरह से गवाहों को धमकाया जा रहा है और फ़सादाद में जांबदारी बरतने वाले ओहदेदारों को एवार्डज़ से सरफ़राज़ किया जा रहा है ।
इस के इलावा मुख़ालिफ़ अक़लियत तशद्दुद और फ़र्ज़ी एंकाउंटर्स का सिलसिला भी जारी है । नरोडा पाटिया फ़साद के ताल्लुक़ से मिस्टर सिरी कुमार ने एस आइ टी से कहा कि 28 फ़रवरी 2002 की सुबह उन्हें एस आर पी एफ ग्रुप दो के कमांडैंट ख़ूर्शीद अहमद ने मतला किया था कि तक़रीबा 500 मुस्लमानों का एक ग्रुप जिस में ख़वातीन और बच्चे भी शामिल हैं पनाह का तलबगार है की उनको हिन्दू मुसल्लह हुजूम तआक़ुब कर रहा है ।
मिस्टर सिरी कुमार ने इद्दिआ किया कि उन्होंने मिस्टर अहमद से कहा था कि वो कैंपस की गेट्स खोल दें ताहम उन्हें एसा करने से रोक दिया गया था ।