रांची 4 मई : बिहार के साबिक़ वज़ीरेआला और चारा घोटाला मामले के मुलजिम लालू प्रसाद को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी। लालू प्रसाद की तरफ से दायर क्वैशिंग अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरआर प्रसाद की अदालत ने सीबीआइ के खुसूसी अदालत के हुक्म को बरकरार रखते हुए इसे खारिज कर दिया। इससे क़ब्ल सीबीआइ की तरफ से जवाब दाखिल कर अदालत को बताया गया कि चारा घोटाले के आरसी-20ए/96 मामले में थाइलैंड जाकर दफा के गवाह एससी चावला की गवाही की अब ज़रूरत नहीं रह गयी है।
तस्दीक़ दस्तावेज खुसूसी अदालत में पेश की गयी, जिसे अदालत ने क़बुल कर लिया है। अब कमीशन गवाही की जरूरत नहीं है। सीबीआइ दस्तावेजों की हकीक़त और उसमें एससी चावला के दर्ज स्टेटमेंट पर उंगली नहीं उठायेगी। सीबीआइ के जवाब को देखते हुए अदालत ने दरख्वास्त खारिज कर दी।
मालूम हो कि ख्वाह लालू प्रसाद ने सीबीआइ के खुसूसी अदालत के फैसले को मन्सुख करने की दरख्वास्त किया था। साथ ही एससी चावला की गवाही को जरूरी बताया था। तहकीक के दौरान सीबीआइ ने लालू प्रसाद के रिहायस से दस्तावेजात सील किया था। उसकी छानबीन से पता चला कि लालू बैंकॉक गये थे। इस पर लालू का कहना था कि वे बैंकॉक गये थे। एससी चावला ने दावत पर इनवाइट किया था। इसकी तस्दीक़ मिस्टर चावला की गवाही से होगी।
खुसूसी अदालत ने मिस्टर चावला को सम्मन जारी किया, पर उसका अमल नहीं हुआ। साबिक़ में हाइकोर्ट ने थाइलैंड जाकर कमीशन गवाही दर्ज करने का हुक्म दिया था।
इसके बाद सीबीआइ ने तस्दीक़ दस्तावेज खुसूसी अदालत को सौंपा। अदालत ने दस्तावेज़त को क़बुल कर लिया और कहा कि अब कमीशन गवाही की जरूरत नहीं रह गयी है। इस फैसले को ख्वाह ने हाइकोर्ट में चैलेंज दी थी।