साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान को जाली सर्टीफ़िकेट की इजराई

मुज़फ़्फ़र नगर: पाकिस्तान के पहले वज़ीर-ए-आज़म लियाक़त अली ख़ान के बाज़ वारिसों को जाली सर्टीफ़िकेट जारी करने पर एक रीवैन्यू इन्सपेक्टर को मुअत्तल कर दिया गया जबकि ज़िला मुज़फ़्फ़र नगर में उनके करोड़ों रुपये मालियती जायदादें मौजूद हैं। सब डीवीझ़नल मजिस्ट्रेट उज्ज्वल कुमार ने बताया कि रीवैन्यू इन्सपेक्टर तजवीर सिंह एक शख़्स जमशेद अली ख़ान और दीगर को सदाक़तनामा और विरासत जारी किया है जिन्होंने ये अदा-ए-किया है कि वो पाकिस्तान के साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म के 28 जनवरी1977को वारिस बन गए हैं।

ये माम‌ला उस वक़्त मंज़र-ए-आम पर आया जब जमशेद और उनके साथीयों ने करोड़ों रुपये मालियती मुतनाज़ा इमलाक पर क़बज़ा के लिए दरख़ास्त पेश की। उन्होंने बताया कि तहक़ीक़ात के दौरान पता चला कि ये सर्टीफ़िकेट जाली और गै़रक़ानूनी है जिसके बादतजवीर सिंह को मुअत्तल कर दिया गया। वाज़िह रहे कि साबिक़ पाकिस्तानी वज़ीर-ए-आज़म लियाक़त अली ख़ान जिनका ताल्लुक़ करनाल में एक जागीरदार घराना से था ग़ैर मुनक़सिम पंजाब में 1926 ता 1940 के दौरान मुज़फ़्फ़र नगर से सुबाई क़ानूनसाज़ काउंसिल के रुकन की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दी थीं, रिश्तेदारों ने अब उनकी जागीर पर अपना दावा पेश किया है।