साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम सुख राम को पाँच साल क़ैद

नई दिल्ली २० नवंबर : ( पी टी आई ) : साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम सुख राम को 1996 रिश्वत मुक़द्दमा में पाँच साल की सज़ा सुनाई गई और उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया ।

अदालती फ़ैसला के बाद वो जैसे ही बाहर आए एक सुख नौजवान ने उन पर हमला कर दिया क्योंकि इस क़दर संगीन जुर्म के बावजूद महिज़ पाँच साल की सज़ाए क़ैद सुनाए जाने पर वो ब्रहम था ।

86 साला सियासतदां सुख राम अहाता अदालत में जज आर पी पांडे की जानिब से फ़ैसला सुनाए जाने के दौरान काँप रहे थे । उन्हें फ़ौरी तिब्बी मुआइना के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया ।

मुलाज़मीन पुलिस अदालत की हिदायत पर उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए जैसे ही अहाता अदालत के बाहर आए हमला आवर जो स्याह पगड़ी बांधे , सुर्ख़ टी शर्ट और जीन्स पहने हुए थे उन पर हमला कर दिया ।

उस की हरवीन्द्र सिंह की हैसियत से शनाख़्त की गई । क़ब्लअज़ीं सुबह के वक़्त इस ने सुख राम से मुख़ातब होते हुए पूछा था क्या तुम ही सुख राम हो ? ये तुम ने किया क्या ? उस वक़्त सीकोरीटी अमला ने सुख राम के वकील के एतराज़ पर उस नौजवान को अदालत के बाहर करदिया था लेकिन फ़ैसला सुनाए जाने के बाद जब सुख राम को बाहर लाया जा रहा था वो फिर पहुंच गया और उन पर हमला करदिया ताहम सुख राम के साथ मौजूद अफ़राद बिशमोल उन के पोतरे-ओ-सीकोरीटी अमला ने फ़ौरी मुदाख़िलत करते हुए हमला आवर पर क़ाबू पालिया । उन्हों ने नौजवान को घूंसे भी रसीद किए ।

यहां से ले जाते वक़्त नौजवान ने चीख़ कर कहा मेरे पास उन्हें मारने के सिवा दूसरा रास्ता नहीं । मैंने आख़िर ऐसी क्या ग़लती की ? इस शख़्स ने इतना बड़ा जुर्म किया और उसे सिर्फ पाँच साल की सज़ा सुनाई जा रही है । अदालत के स्टाफ़ का कहना है कि ये नौजवान ज़हनी तौर पर माज़ूर है और आम तौर पर अदालत के क़रीब घूमता दिखाई देता है । क़ब्लअज़ीं ख़ुसूसी सी बी आई अदालत ने 1996 में एक ख़ानगी कंपनी को कंट्टर एक्ट देने केलिए रिश्वत लेने के इल्ज़ाम में पाँच साल क़ैद की सज़ा सुनाई है ।

उन्हों ने इस कंपनी से तीन लाख रुपय रिश्वत हासिल की थी । ख़ुसूसी सी बी आई जज आर पी पांडे ने मिस्टर सुख राम पर चार लाख रुपय जुर्माना भी आइद किया है जो साबिक़ा नरसिम्हा राव् काबीना में टैली मुवासलात के वज़ीर थे । सी बी आई के वकील का कहना था कि मिस्टर सुख राम को अदालत के फ़ैसले के बाद तहवील में लेते हुए जेल भीजदया जाएगा ।

चूँकि उन्हें सुनाई गई सज़ा तीन साल से ज़्यादा है इस लिए उन्हें फ़ौरी तौर पर ज़मानत नहीं मिल सकती । मिस्टर सुख राम को जुमा के दिन अदालत ने इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी क़ानून के मुख़्तलिफ़ दफ़आत और ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़आत के तहत रिश्वत लेने का मुर्तक़िब क़रार दिया था और सज़ा का ऐलान आज किया गया ।

मिस्टर सुख राम के वकील ने उन की ज़ईफ़ अलामरी और तवील वक़्त से अदालतों में हाज़िरी को पेशे नज़र रखते हुए उन के साथ रहम करने की दरख़ास्त की थी ताहम सी बी आई ने मिस्टर सुख राम को आदी मुजरिम क़रार देते हुए किसी तरह की नरमी बरतने की मुख़ालिफ़त की थी ।

सुख राम पर इल्ज़ाम था कि उन्हों ने बहैसीयत मर्कज़ी वज़ीर टेलीकॉम अपने सरकारी ओहदा का ग़लत इस्तिमाल करते हुए हरियाणा टेलीकॉम लिमेटेड नामी एक कंपनी को 30 करोड़ रुपय का कौन्ट्रॆक्ट् अलॉट किया था और इस के लिए ख़ुद तीन लाख रुपय की रिश्वत हासिल की थी । ये कौन्ट्रॆक्ट् महिकमा टेलीकॉम को कुछ मख़सूस किस्म के केबल्स की फ़राहमी से मुताल्लिक़ था । सुख राम सज़ा-ए-के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट से रुजू होंगी।