साबिक़ वज़ीर बीबी जागीर कौर की ज़मानत मंज़ूर

चंडीगढ़, ०२ नवंबर ( पी टी आई) पंजाब की साबिक़ ( पूर्व) वज़ीर बीबी जागीर कौर की पनचाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने सात माह क़बल अपनी बेटी के जबरी अग़वा और उसे हबस-ए-बेजा में रखने के एक मुआमला में ज़मानत मंज़ूर कर ली है ।

जस्टिस ए के मित्तल और जस्टिस जी एस सानधा वालिया ने आज ज़मानत मंज़ूर करने का हुक्म सुनाते हुए जागीर कौर को हिदायत की कि वो बैरून-ए-मुल्क सफ़र करने से क़बल अदालत से इजाज़त तलब करें । जागीर कौर के वकील आर एस चीमा ने ये बात बताई । याद रहे कि जागीर कौर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की साबिक़ सदर हैं को जारीया साल मार्च में सी बी आई की एक अदालत ने मज़कूरा बाला केस में क़सूरवार ठहराते हुए पाँच साल की क़ैद और 5000/- रुपय के जुर्माना की सज़ा सुनाई थी ।

सज़ा सुनाए जाने के सिर्फ़ एक रोज़ बाद उन्होंने बहैसीयत वज़ीर अपना इस्तीफ़ा पेश कर दिया था । फ़िलहाल वो कपूरथला जेल में हैं । इसी केस में दीगर तीन मुल्ज़िमीन देवेंद्र कूद ढेसी परमजीत सिंह राय पर और निशान सिंह को भी पटियाला की अदालत ने क़सूरवार ठहराया था जबकि उन पर भी 5000/- रुपय फी कस जुर्माना आइद किया गया था जबकि एक और मुल्ज़िमा सत्य देवी को तमाम इल्ज़ामात से बरी कर दिया गया ।

एक और मुल्ज़िम संजीव कुमार की मुक़द्दमा की समाअत ( सुनवायी) के दौरान इंतेक़ाल हो गया था । हरप्रीत का पुरासरार तौर पर उस वक़्त इंतेक़ाल हो गया था जब 20 और 21अप्रैल 2000 की दरमयानी शब में क्रिस्चियन मेडीकल कालेज-ओ-हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था ये समझते हुए कि हरप्रीत की मौत शदीद बुख़ार कए (Wampting) और जिस्म में पानी की कमी की वजह से होने वाली क़ुदरती मौत थी ।

लिहाज़ा इस का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था और इंतिहाई उजलत में 21अप्रैल को उन की आख़िरी रसूमात अंजाम दी गई थी ।