साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म एच डी देवेगौड़ा ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहा कि अपनी सवानिह उमरी में वो बहैसीयत एक सियासतदां अपने तमाम तल्ख़ तजुर्बात को कलमबंद करेंगे। जनतादल (एस) के सरबराह ने कहा कि मुल़्क की आइन्दा नसल के लिए वो अपने सयासी तल्ख़ तजुर्बात को कलमबंद करना चाहते हैं ताकि उसे पढ़ा जाये।
फ़िलहाल 79 साला देवेगौड़ा रोज़ाना एक घंटे तक अपने बचपन के हालात को बज़रीया अमला कलमबंद करवाने में मसरूफ़ (व्यस्त) हैं। पार्टी के रियास्ती तर्जुमान ( spokesperson) वाई एस वी दत्ता और दीगर ( अन्य) दो रज़ाकाराना ( स्वयं सेवक) तौर पर देवेगौड़ा की सवानिह हयात कलमबंद कर रहे हैं।
अख़बारी नुमाइंदों ( पत्रकारों) से बात करते हुए देवेगौड़ा ने अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि जिस वक़्त उन के फ़र्ज़ंद ( पुत्र) कुमारा स्वामी ने 2006 में कर्नाटक में मख़लूत ( मिली जुली) हुकूमत क़ायम करने बी जे पी से हाथ मिलाया था तो सयासी क़ाइदीन ( लीडर) के एक तबक़ा ने उन के सैक्यूलर होने पर शकूक-ओ-शुबहात ज़ाहिर किए थे और ये इल्ज़ाम आइद किया ( आरोप लागाये) जाने लगा कि देवेगौड़ा ने अपने फ़र्ज़ंद को वज़ारत आला की कुर्सी पर बिराजमान करने के लिए बी जे पी से हाथ मिलाने की क़सदन साज़िश रची है।
लिहाज़ा अपनी सवानिह उमरी में वो इन हालात का तजज़िया (अलग अलग) करते हुए इस पर रोशनी डालेंगे कि किस तरह कुमारा स्वामी ने बी जे पी से मुफ़ाहमत (समझौता) की और वो क्या तक़ाज़े थे जिन की तकमील ( समाप्ती) ज़रूरी थी क्योंकि उस वक़्त कांग्रेस के रियास्ती क़ाइदीन उन की पार्टी को तोड़ने कोशां थे।
यहां इस बात का ज़िक्र भी ज़रूरी है कि देवेगौड़ा की हालत 3 मई को बहुत ज़्यादा बिगड़ गई थी और फ़िलहाल वो पदमानाभा नगर में वाक़्य ( मौजूद) अपनी रिहायश गाह में ज़ेर-ए-इलाज हैं लेकिन उन्हों ने पुराज़म लहजे में कहाकि वो जुलाई के तीसरे हफ़्ता से पूरी रियासत ( राज्य) का दौरा करेंगे।
उन्हों ने बी जे पी क़ाइदीन के इन इल्ज़ामात को मुस्तर्द कर दिया कि मौजूदा वज़ीर-ए-आला सदानंद गौड़ा भी वही करते हैं जो देवेगौड़ा या उनके अरकान ख़ानदान कहते हैं। देवेगौड़ा ने इस इल्ज़ाम को बेबुनियाद क़रार दिया और कहाकि सदानंद गौड़ा से उन्हों ने गुज़श्ता चार माह से बात तक नहीं की है।