सी बी आई की एक ख़ुसूसी अदालत ने आज साबिक़ वज़ीर मोपी देवी वेंकट रमना को जगन मोहन रेड्डी के सरकारी मदद के बदले सरमाया कारी के मुक़द्दमा में आरिज़ी ज़मानत मंज़ूर करदी।
अदालत ने तिब्बी बुनियादों पर आरिज़ी ज़मानत फ़राहम करने साबिक़ वज़ीर की दरख़ास्त को कुबूल करलिया और उन्हें 31 अक्टूबर तक ज़मानत मंज़ूर करदी।
अदालत ने उन्हें हिदायत दी कि वो 01 नवंबर से पहले ख़ुद को क़ानून के हवाले करदें। वकलाए सफ़ाई ने अदालत से कहा था कि डक्टर ने वेंकट रमना के लिए दो मराहिल पर मबनी ईलाज तजवीज़ किया है जिन में एक थरापी भी शामिल है और अगर ज़रूरी होजाए तो सर्जरी भी शामिल है।
इस के लिए जुमला तीन माह का वक़्त दरकार है। मोपी देवी वेंकट रमना को हिदायत दी गई है कि वो अदालत की इजाज़त के बगैर हैदराबाद के बाहर ना जाएं।
इसके अलावा उन्हें एक लाख रुपये का पर्सनल बांड और उतनी ही रक़म की दो ज़मानतें फ़राहम करने की हिदायत भी दी गई। सी बी आई ने इल्ज़ाम लागया था कि मोपी देवी वेंकट रमना ने वाई एस आर हुकूमत के दौर में काबीना की एक याददाश्त को मंज़ूरी देदी थी जो तामीरात का एक प्रोजेक्ट मंज़ूर करने के ताल्लुक़ से था ताहम इस मंज़ूरी से पहले इस के अहम पहलूओं का जायज़ा नहीं लिया गया था।