साबिक़ सदर ब्राज़ील लूइस अनाकीव लीवला डी सिल्वा को आज बावक़ार इंदिरा गांधी इनाम बराए अमन-ओ-तर्क असलाह अता किया गया। उन्होंने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल में हिंदूस्तान को मुस्तक़िल नशिस्त की वकालत की थी।
सदर जमहूरीया प्रणब मुखर्जी ने आज वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और सदर नशीन यू पी ए सोनीया गांधी की मौजूदगी में लीवला को ये अवार्ड अता किया। इस मौके पर लीवला ने कहा कि ये अवार्ड इन का नहीं बल्कि ब्राज़ील की अवाम का है। लीवला को ब्राज़ील में ग़ुर्बत के ख़ातमे के काज़ और हमागीर तरक़्क़ी यक़ीनी बनाने केलिए नुमायां ख़िदमात पर ये अवार्ड दिया गया।
उन्होंने तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक के माबैन ताक़तवर इत्तेहाद की भी भरपूर वकालत की थी। इसके अलावा हिंद । ब्राज़ील पार्टनरशिप केलिए लीवला की इन्फ़िरादी ख़िदमात नुमायां हैं। प्रणब मुखर्जी ने इस मौक़ा पर ख़िताब करते हुए साबिक़ सदर ब्राज़ील की मुल्क के 20 मिलिय्यन लोगो को ग़ुर्बत से बाहर निकालने में ख़िदमात की सताइश की।
उन्होंने कहा कि जुनूब । जुनूब तावुन और आई बी एस ए को एक उभरता मआशी बलॉक में तबदील करने पर भी उन की सराहना की। प्रणब मुखर्जी ने कहाकि हिंदूस्तान और ब्राज़ील न्यूक्लीयर तर्क असलाह के अह्द के पाबंद है। दोनों ममालिक ने इस तनाज़े को हल करने केलिए मुज़ाकरात की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है और मुज़ाकरात ही बेहतरीन रास्ता हैं।
वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहाकि लीवला के दौर-ए-सदारत में हिंद । ब्राज़ील रवाबित को एक नई जिहत मिली। दोनों ममालिक केलिए ये रवाबित सिलसिला वार मुआहिदों से कहीं ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि हमारा ये यक़ीन है कि अगरचे हमारे ममालिक बहर समुंद्रों की वजह से अलग थलग हैं लेकिन इक़दार, चैलेंजस और तवक़्क़ुआत के मामले में हमारी सोच यकसाँ है और हम मुत्तहिद हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों ममालिक-ए-मुतहदा तौर पर ही एक बेहतर दुनिया केलिए काम करसकते हैं। साबिक़ सदर ब्राज़ील ने कहा कि उनकी ख़िदमात को तस्लीम करते हुए ये बावक़ार एज़ाज़ जो अता किया गया है इस केलिए वो हिंदूस्तान से इज़हार-ए-तशक्कुर करते हैं। उन्होंने कहा कि ये एज़ाज़ उन्हें नहीं दिया गया बल्कि ब्राज़ील के अवाम को दिया गया है।
उन्होंने हिंदूस्तान के साथ बेहतर रवाबित के अज़म का इआदा किया और उनके दौर में दोनों ममालिक के माबैन बाहमी ताल्लुक़ात को नई जिहत दिए जाने का तज़किरा किया