साबिक़ सदर मालदीप मुहम्मद नशीद हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाने में पनाह गज़ीन

नई दिल्ली, 14 फ़रवरी: एक ड्रामाई तबदीली में मालदीप के साबिक़ सदर मुहम्मद नशीद ने आज हिन्दुस्तानी हाई कमीशन बराए माले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए पनाह हासिल करली। उन्हें एक साल पहले इक़तिदार से बेदखल कर दिया गया था। 45 साला क़ाइद हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाने की इमारत पर गिरफ़्तारी वारंट से बचने के लिए दोपहर के वक़्त पहुंचे।

फ़ौजदारी अदालत के चीफ़ जज की गज़िशता साल जनवरी में मुहम्मद नशीद की दौरा-ए-सदारत में हिरासत के मुक़द्दमे के सिलसिले में इन का गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया था। बादअज़ां उन की दरख़ास्त जो गिरफ़्तारी पर हुक्म अलतवा के लिए मालदीप की हाइकोर्ट में दाख़िल की गई थी, मुस्तर्द करदी गई।

नशीद हिन्दुस्तानी हाई कमीशन में मुक़ीम रहे। हुकूमत-ए-हिन्द ने उन्हें क़ियाम की इजाज़त दे दी है। उन के ख़िलाफ़ मजिस्ट्रेट की अदालत की जानिब से जारी करदा गिरफ़्तारी वारंट के इजरा के बाद मुहम्मद नशीद जो सदारती इंतिख़ाबात में एक उम्मीदवार हैं,जो सितम्बर 2013 में मुक़र्रर है, हिन्दुस्तानी हाई कमीशन पहुंचे और हुकूमते हिन्द से मदद की दरख़ास्त की।

वज़ारते ख़ारजा के तर्जुमान ने नई दिल्ली में कहा कि सयासी क़ाइदीन को मुक़ाबले में शिरकत से रोकना इंतिख़ाबी तरीका-ए-कार की दियानतदारी के बारे में शक-ओ-शुबहात पैदा करेगा। मालदीप की मौजूदा अदम इस्तिहकाम की सूरत-ए-हाल के पेशे नज़र ये मालदीप या इस इलाक़े के मुफ़ाद में नहीं है। तर्जुमान ने कहा कि हिन्दुस्तान मालदीप का क़रीबी दोस्त है। चुनांचे इसे मौजूदा सयासी अदम इस्तिहकाम पर तशवीश है।