साबिक तालीम वजीर बंधु तिर्की को दो साल की सजा

रांची : रियासत के साबिक तालीम वजीर बंधु तिर्की समेत पांच लोगों को अदालत मजिस्ट्रेट सीबी कुमार की अदालत ने दो साल जेल की सजा सुनायी है. साल 2002 में सड़क जाम करने का इलज़ाम साबित होने के बाद बुध को इन्हें सजा सुनायी गयी. दो साल की सजा सुनाये जाने के साथ ही बंधु तिर्की छह साल तक इलेक्शन नहीं लड़ सकेंगे़. सुप्रीम कोर्ट के हुक्म के आलोक में में यह तजवीज किया गया है कि दो साल या इससे ज्यादा सजा पा चुका कोई सख्श इलेक्शन नहीं लड़ पायेगा.

12 मार्च 2002 का है मामला : 12 मार्च 2002 को बंधु तिर्की, अफसर इमाम, कृष्णा राम बैठा, मंसूर अंसारी व विश्वनाथ गोप समेत कई कार्यकर्ताओं ने गुमला-बेड़ो रोड जाम कर दिया था. असलाह के साथ फसाद से गाँव वालों के घर टूटने व फसल बर्बाद होने पर हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए रोड जाम किया गया था़. रोड जाम करनेवाले मुआवजे के लिए वन अफसर को बुलाने की मांग पर अड़े थे. इस दौरान काफी हंगामा हुआ था. इस सिलसिले में बंधु तिर्की व उनके साथियों समेत दीगर पर FIR दर्ज की गयी थी़. मामला कोर्ट में चल रहा था़. इसी मामले में बुध को फैसला सुनाया गया.

इन्हें भी जेल की सजा : अफसर इमाम, कृष्णा राम बैठा, मंसूर अंसारी व विश्वनाथ गोप

बंधु तिर्की दो बार मांडर से एमएलए रह चुके हैं. दो बार रियासत में वजीर बने थे़. गुजिश्ता एसेम्बली इलेक्शन में वह मांडर से इलेक्शन हार चुके थे़ लोहरदगा एसेम्बली जिमनी इन्तिखाब में भी उन्होंने किस्मत आजमाया था़.