सामने आया रिलायंस का बड़ा झूठ

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का झूठ सामने आ गया है। केजी बेसिन 6 के तेल कुओं में पैदावार घटने की बात रिलायंस का झूठ था।केजी बेसिन को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि रिलायंस ने केजी बेसिन में डी-1 और डी-3 कुओं की ड्रिलिंग सही से नहीं की थी।

अगर रिलायंस ने सही से कुओं की ड्रिलिंग की होती तो केजी बेसिन 6 से गैस की पैदावार नहीं गिरा होता। द हिंदू के मुताबिक यह बात डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ हाइड्रोकॉर्बन की तरफ से बनाई गई एक रुक्नी कमेटीइ के पी गोपालकृष्‍णन की 13 सफात की रिपोर्ट में सामने आई है।

पी.गोपालकृष्‍णन ने अपनी रिपोर्ट में बताया‌ कि केजी बेसिन में डी-1 और डी-3 में अच्छी तरह से ड्रिलिंग नहीं की गई थी।

अगर यहां मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सही से ड्रिलिंग की होती तो गैस की पैदावार बढ़ाती। यह रिपोर्ट दो साल पहले ही दे गई थी लेकिन तब से वज़ारत तेल ने इस रिपोर्ट को दबा कर रखा था।

रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि सिर्फ पहले ही साल तेल कुओं से सही तरीके से ड्रिलिंग की गई थी। उसके बाद से मुसलसल कुओं से सही तरीके से ड्रिलिंग नहीं की गई, जिसकी वजह से बड़ी मिक्दार में गैस का पैदावार मुतास्सिर हुआ।

रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि रिलायंस ने फील्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम को सही से लागू नहीं किया था। वहीं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह को खत लिखकर रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 2.4 अरब डॉलर की पेनाल्टी लगाने को कहा है।

उन्होंने कहा कि केजी डी6 ब्लॉक से गैस का प्रोडक्शन गिरने की वजह से रिलायंस से अप्रैल 2014 से 4.2 डॉलर एमएमबीटीयू की दर से पेनॉल्टी लगाई जानी चाहिए।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी वज़ारत पेट्रोलियम को मुफाद ए आम्मा की दरखास्त पर नोटिस जारी करते हुए सवाल पूछा है कि किस बुनियाद पर अप्रैल 2014 से गैस की कीमत 8 डॉलर मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट की गई है।

अमर उजाला