अहमदाबाद। मेहसाणा जिले के रणतेज गांव में ‘सामाजिक बहिष्कार’ के पीड़ित दलितों ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लोग पुलिस में दर्ज शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता अमृत राठौड़ ने बुधवार को कहा आरएसएस के समरसता मंच और भाजपा के अन्य सदस्य पुलिस में की गई शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।
अब यहाँ की ऊंची जातियों के लोगों ने गांव में एक फरमान जारी किया है, हमें दूध या सब्जियां नहीं दी जाएँ। यह सब ‘सामाजिक बहिष्कार’ के चलते हो रहा है। हमको लोग रोजगार देने के तैयार नहीं हैं। अमृत राठौड़ ने अहमदाबाद जिला कलेक्ट्रेट में संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि दो दिन पहले पुलिस हमारे गांव में आई थी तो हमें खाने पीने की आवश्यक सामग्री मिल गई थी लेकिन फिर बहिष्कार जारी कर दिया।
गौरतलब है कि रणतेज गाँव में दलित पिछले छह दिनों से सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। यह बहिष्कार गांव से एक मृत गाय को उठाने के लिए मना करने के कारण किया गया था। दलित समुदाय ने मृत पशुओं को जब तक उठाने से इनकार कर दिया तब तक धार्मिक पर्व में उनको भोजन करने के लिए अलग से बैठने से बंद नहीं किया जाए।