सालार जंग म्यूज़ीयम मुल्क में पहले ऐसे अजाइब ख़ाना की फ़ेहरिस्त में शामिल हो चुका है जोकि शम्सी तवानाई का हामिल बन चुका है। 2012 में सालार जंग म्यूज़ीयम इंतेज़ामीया ने म्यूज़ीयम को मुकम्मल तौर पर सोलार सिस्टम के ज़रीए चलाने का फ़ैसला किया था लेकिन अब सालार जंग म्यूज़ीयम इंतेज़ामीया ने म्यूज़ीयम में 500kw का सोलार प्लांट नसब करते हुए इसे अमली जामा पहना दिया है।
सालार जंग म्यूज़ीयम में छत पर नसब किए गए सोलार पावर प्लांट के लिए जुमला 2 करोड़ 20 लाख रुपय ख़र्च किए गए जिस में वज़ारत ग़ैर तजदीदी तवानाई की जानिब से 30 फ़ीसद की सब्सीडी शामिल है।
म्यूज़ीयम इंतेज़ामीया के बामूजिब शम्सी तवानाई से पैदा होने वाली तवानाई के ज़रीए आज़माईशी जेनरेटर चलाए जा रहे हैं जोकि 2200kwh यौमिया यूनिट के इस्तेमाल के काबिल हैं।
बताया जाता है कि म्यूज़ीयम में इस्तेमाल होने वाली बर्क़ी को तीन हिस्सों में मुनक़सिम किया गया है जिस में मशरिक़ी और मग़रिबी ब्लॉक्स के इलावा सेंट्रल बलॉक शामिल है।
इलावा अज़ीं म्यूज़ीयम इंतेज़ामीया की जानिब से इस बात पर ग़ौर किया जा रहा है कि मज़ीद जगहों पर नए सोलार पावर प्लांट तैयार किए जाएं ताकि इज़ाफ़ी ज़रूरत को पूरा किया जा सके।