साला को पीएस, साढ़ू को बना दिया ओएसडी : योगेंद्र साव

रियासत के ज़िराअत वज़ीर योगेंद्र साव ने अपनी बीवी के भाई मुकेश कुमार (साला) को ज़ाती सेक्रेटरी बनाया है। वज़ीर के सारे ज़ाती महकमा का काम मुकेश ही डील करते हैं। साव ने अपने ओएसडी के तौर में भी अपने रिश्तेदार अनिल कुमार को ही बहाल किया हुआ है।

पहले उन्होंने खत लिख कर महकमा से ओएसडी से मुतल्लिक़ नोटिफिकेशन निकालने की हिदायत दिया था। वज़ीर की हिदायत पर ज़ाती महकमा अफसरों ने काबीना समन्वय महकमा से मंतव्य मांगा था। काबीना ने वाजेह कर दिया था कि वज़ीर के लिए ओएसडी का ओहदा मंजूर नहीं है। इसकी जानकारी ज़िराअत वज़ीर को दे दी गयी थी। इसके बावजूद वज़ीर ने ओएसडी के तौर में अनिल कुमार को अपने साथ रखा है। अनिल कुमार ज़िराअत वज़ीर के ही शोबे के हैं। बताया जाता है कि वह रिश्ते में उनके साढ़ू लगते हैं। अनिल रियासती हुकूमत से बिना तंख्वाह लिए ही ज़राअत वज़ीर के ओएसडी के तौर में काम कर रहे हैं।

बिना तंख्वाह काम करनेवाले ओएसडी मांगते हैं गाड़ी

बिना तंख्वाह के वज़ीर के ओएसडी का काम करनेवाले अनिल कुमार ने ज़राअत महकमा से गाड़ी भी मांगी थी। इस बारे में उन्होंने महकमा को खत लिखा था। खत में कहा गया था कि ज़ाती महकमा वज़ीर के दफ्तर में गाड़ी की कमी है। गाड़ी नहीं होने की वजह से हुकूमत कामों में रुकावट पहुंच रही है। वज़ीर के ओएसडी को खुद भी कहीं आने-जाने में कठिनाई हो रही है। इस वजह से वज़ीर में गाड़ी भेजी जाये। हालांकि ज़िराअत महकमा ने वज़ीर के ओएसडी की तरफ से लिखे गये खत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

एक फरजी पीएस भी है ज़िराअत वज़ीर का

ज़िराअत वज़ीर योगेंद्र साव का एक फरजी सेक्रेटरी भी है। कांके थाना इलाक़े में रहने वाला उत्तम कुमार नाम का सख्श खुद को ज़िराअत वज़ीर का सेक्रेटरी बताता है। उत्तम खुद को वज़ीर का सेक्रेटरी बताते हुए हुकूमत के कई महकमा में लेटर बाज़ी भी करता है। बिरसा ज़ीराअत यूनिवेर्सिटी, ज़िराअत डायरेक्टोरेट और रिनपास में भी खुद को ज़िराअत वज़ीर का पीए बता कर धौंस दिखाता है। हालांकि ज़िराअत महकमा या वज़ीर को उत्तम कुमार के पीए होने की कोई जानकारी नहीं है। हुकूमत को उत्तम कुमार की तरफ से किये जा रहे फरजीवाड़े की शिकायत मिली है।